अखिलेश के चाचा ने अपने दामाद के लिए पीएम मोदी से मांगी ये खास मदद

नई दिल्ली। कभी-कभी नियमों की अनदेखी महंगी पड़ जाती है। प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री शिवपाल यादव ने अपने दमाद अजय यादव का स्थानांतरण कराने के लिए पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है।

शिवपाल यादव के आईएएस दामाद को डेप्युटेशन पर एक राज्य से दूसरे राज्य में लाने के लिए प्रधानमंत्री की नियुक्ति कमेटी ने अपने ही कार्मिक मंत्रालय के तीन-तीन बार की गई आपत्तियों को अनदेखा किया।

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यूपी में बाराबंकी के डीएम अजय यादव 2010 बैच के आईएएस हैं, लेकिन उनका मूल काडर उत्तर प्रदेश नहीं, बल्कि तमिलनाडु है। पिछले साल 28 अक्टूबर में केंद्र सरकार ने अजय यादव को तीन साल के लिए यूपी में पोस्टिंग दी, उनकी डेप्युटेशन यानी प्रतिनियुक्ति की अर्ज़ी को मंजूरी देकर।

प्रशासनिक अधिकारियों की पोस्टिंग पर फैसला करने वाली इस कमेटी को अपॉइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट यानी एसीसी कहा जाता है, जिसके अध्यक्ष खुद प्रधानमंत्री हैं।

नियमों के मुताबिक एसीसी की मंजूरी मिलने से पहले अर्ज़ी कार्मिक मंत्रालय के पास जाती है और महत्वपूर्ण बात ये है कि अजय यादव की इस अर्ज़ी को कार्मिक मंत्रालय यानी डीओपीटी तीन बार खारिज़ कर चुका था, तो आखिर उनके डेप्युटेशन को कैसे मंजूरी दी गई?

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इस सवाल का जवाब अजय यादव के सियासी रसूख से जुड़ा है। बाराबंकी में डेप्युटेशन पाने वाले आईएएस अजय यादव यूपी के कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव के दामाद हैं।

अजय यादव ने नवंबर, 2014 में यूपी में पोस्टिंग मांगी। इसके लिए उन्होंने अपने बच्चे की बीमारी को मुख्य वजह बताया। साथ ही पिता के निधन के बाद अपनी मां की देखरेख की मजबूरी भी बताई।

लेकिन कार्मिक मंत्रालय ने पहले मई, 2015 में ये प्रस्ताव ठुकराया और कहा कि डेप्युटेशन के लिए कम से कम 9 साल मूल काडर में सेवा ज़रूरी है। यादव 2010 बैच के अफसर हैं, इसलिए उनकी अर्ज़ी मंज़ूर नहीं की जा सकती। मंत्रालय ने अपनी नोटिंग में ये भी लिखा कि जिस तरह की वजह बताकर ये डेप्युटेशन मांगा गया वह बहुत साधारण हैं और पॉलिसी के तहत उनके डेप्युटेशन की इजाजत नहीं दी जा सकती।

अजय यादव की ओर से दोबारा अर्ज़ी भेजे जाने पर भी मंत्रालय ने यही वजह बता कर उन्हें डेप्युटेशन देने से इनकार कर दिया। साथ ही कार्मिक मंत्रालय ने इस बार अफसर को नियमों की एक कॉपी भी भेजी कि क्यों उन्हें डेप्युटेशन नहीं मिल सकता। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक चिट्ठी लिखी गई, जिसमें कहा गया कि खुद समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने पीएम से इस पोस्टिंग के लिए सिफारिश की है।

इस चिट्टी में साफ लिखा गया शिवपाल यादव ने इस बारे में प्रधानमंत्री को लिखा है। चिट्ठी कार्मिक मंत्रालय से कहती है कि अगली मीटिंग में अजय यादव का मामला रख लिया जाए और मीटिंग जल्दी बुलाई जाए। दिलचस्प है कि पीएमओ की ओर से भेजी गई इस चिट्ठी के बाद 31 अगस्त को बुलाई गई मीटिंग में भी कार्मिक मंत्रालय ने अजय यादव के डेप्युटेशन की अर्ज़ी को नियमों के खिलाफ माना और नियमों में किसी तरह की ढील देने से इनकार करते हुए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली नियुक्ति कमेटी एसीसी से इस पोस्टिंग को न दिए जाने की सिफारिश की।

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