कैंसर पीड़ितों के लिए चेन्नई में शुरू हुआ प्रोटोन थेरेपी सेंटर, मारीजों को…
नई दिल्ली। अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड ने शुक्रवार को चेन्नई में अपोलो प्रोटोन कैंसर सेंटर का शुभारम्भ किया। इससे कैंसर पीड़ितों को एक विशेष प्रकार की रेडियोथेरेपी उपलब्ध होगी जो कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने में बहुत उपयुक्त मानी जाती है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपोलो प्रोटोन कैंसर सेंटर (एपीसीसी) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई.के. पलनीस्वामी और अपोलो हॉस्पिटल्स समूह के चेयरमैन डॉ. प्रताप सी. रेड्डी उपस्थित थे।
एक बयान में बताया गया है कि कैंसर चिकित्सा की सीमाओं को बढ़ाने वाला एपीसीसी 150 बैड क्षमता का कैंसर अस्पताल है। इस अस्पताल में कैंसर की वैश्विक स्तर की चिकित्सा प्रदान की जाती है। एपीसीसी में पीड़ितों को आधुनिकतम पेंसिल बीम स्कैनिंग तकनीक के साथ आधुनिक मल्टी रूम प्रोटोन थेरेपी दी जाएगी।
बयान में कहा गया है कि कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एपीसीसी ने अपोलो हॉस्पिटल्स की स्थिति को और अधिक मजबूत बनाया है। पारम्परिक रेडिएशन थेरेपी की अपेक्षा प्रोटोन थेरेपी के लाभ अधिक हैं। प्रोटोन बीम थेरेपी से कैंसर का ठीक जगह पर इलाज होता है जिससे स्वस्थ कोशिकाओं का नुकसान कम होता है।
इस अवसर पर उप राष्ट्रपति ने कहा, “विश्वभर में कैंसर मृत्यु का बड़ा कारण बनता जा रहा है। भारत में भी इसका असर बढ़ता जा रहा है। अपोलो हॉस्पिटल्स समूह से केवल भारत के ही नहीं बल्कि एशिया के हमारे पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी लाभ होगा।”
अपोलो हॉस्पिटल्स समूह के चेयरमैन डॉ. रेड्डी ने कहा कि, “आज का दिन भारत के चिकित्सीय विकास के इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा जाएगा। अपोलो प्रोटोन कैंसर सेंटर ने सर्वोत्तम और आधुनिक कैंसर चिकित्सा के लिए वैश्विक स्तर पर भारत के लिए स्थान तैयार किया है।
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इससे न केवल भारत बल्कि पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य-पूर्व और अफ्रीका के कैंसर पीड़ितों को बड़ी राहत मिलेगी। ये सभी देश मिलाकर विश्व की 40 से अधिक प्रतिशत आबादी हैं। यह बात महžवपूर्ण है कि इंग्लैंड जैसे विकसित देश ने भी प्रोटोन बीम सेंटर की शुरूआत दिसंबर 2018 में अर्थात केवल एक महीने पहले ही की है।”