तीन साल में मोदी सरकार का सबसे धांसू वार, केंद्रीय कर्मचारियों पर टूटेगा आफत का पहाड़
नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अब मौज मस्ती के दिन लदने वाले हैं। मोदी सरकार जल्दी ही उन्हें ऐसा झटका देने वाली है जिससे उनके दिन का चैन समेत रातों की नींद भी उड़ जाएगी। दरअसल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 67 हजार से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड्स रिव्यू करने वाली है। उसकी इस लिस्ट में आईपीएस और आईएएस अफसर भी शामिल होंगे। इस रिव्यू के जरिए सरकार नॉन-परफॉर्म्स का पता लगाने के साथ साथ सरकारी सेवाओं को बेहतर बनाएगी।
केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी बताया कि कोड ऑफ कंडक्ट का पालन न करने वाले कर्मचारियों को इस रिव्यू के जरिए दंडित भी किया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि जिन 67 हजार केंद्रीय कर्मचारियों का रिव्यू किया जाना है उनमें से 25 हजार ग्रुप ए सर्विसेज के आईएएस, आईपीएम और आईआरएस अधिकारी हैं।
इस मुद्दे पर बातचीत के दौरान केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने बाताया कि एक तरफ सरकार की प्राथमिकता सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने की है, वहीं सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ भी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी बढ़ाना चाहती है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार वर्कफोर्स की परफॉर्मेंस का समय-समय पर मूल्यांकन करती रहती है। जिसके जरिए संस्था में ईमानदार कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले एक साल में 129 नॉन परफॉर्मिंग कर्मचारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दिया है। जिसमें आईएएस और आईपीएस अफसर भी शामिल थे। कानून के मुताबिक एक सरकारी कर्मचारी के प्रदर्शन का उसके सेवाकाल के दौरान दो बार रिव्यू होता है। एक बार जब उसे नौकरी के 15 साल हो जाएं और दूसरा 25 साल की सर्विस के बाद।