कुम्भ के अनोखे रंगः 5-7 साल के बालकों ने लिया संन्यास

रिपोर्ट- सैय्यद आकिब रजा

प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में विश्व का सबसे बडा धार्मिक मेला चल रहा है। ऐसे में धर्म ,आध्यात्म ,और गंगा यमुना सरस्वती का संगम तो यहाँ है ही लेकिन कुंभ में आपको ऐसे-ऐसे अनोखे ,अद्भुत, और अकल्पनीय दृश्य देखने को मिलते हैं।

कुंभ के अनोखे रंग

जो हमारे और आपके बीच कौतूहल और जिज्ञासा का विषय बने रहते हैं । आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं ऐसे बालक जो बेहद कम उम्र के हैं कोई 5 साल का है तो कोई 7 साल का मासूम सन्यासी बनने की प्रक्रिया पूरी कर रहा है ।

आपको सुनकर तो हैरानी होगी लेकिन यह सत्य है । संगम नगरी के कुंभ मेले में बडा उदासीन अखाड़े में अनोखा दृश्य देखने को मिला जहाँ एक 5 वर्षीय बालक अपने गुरु और पंडित के साथ यज्ञ पूजन करके संन्यास जैसी कठिन पद्धति को पूरा किया।

कुंभ में संन्यास की प्रक्रिया तीनों शाही स्नान मे किसी स्नान को करने के पश्चात यज्ञ हवन में पूजन करने के पश्चात पूरी होती है। यह बालक बहराइच का है जिसे आध्यमत्म और सनातन संस्कृति की परम्परा की शिक्षा के लिए गुरु की शरण मे दिया गया है।

गुरु की शरण मे आने के पश्चातट बालक की रूची जिस संन्यास की ओर होती है उसे वही संन्यासी बनाया जाता है। इसमें हठ योगी, नागा संन्यासी , सत्संग कथा वाचक, आदि संन्यास होते है।

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दूसरे 7 साल के इस सन्यासी के महान महाराज ने बताया कि इस छोटे सन्यासी के माता पिता ने अपनी इच्छा से अपने पुत्र को साधु बनने के लिए सौंपा है पहला शाही स्नान छोटे सन्यासी ने आवाहन अखाड़े के साथ शामिल होकर के किया और अब बचे हुए सभी स्नान करने के बाद यह अखाड़े में शामिल हो जाएगा और इस मासूम सन्यासी की शिक्षा और दीक्षा दोनों ही अखाड़ों की साधु-संतों के द्वारा होगी।

 

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