कुदरत का कहर! ताश के पत्तों की तरह बिखर गया बांध, जल प्रलय से 40 की मौत, 300 लापता

ब्रासिलिया। मनुष्य अपने दिमाग से कितनी तरक्की कर ले लेकिन जब कुदरत अपना कहर बरपाती है तो वह बेबस ही नजर आता है। विकास की बढ़ती भूख के चलते प्रकृति के साथ की जाने वाली छेड़छाड़ के नतीजे प्राकृतिक आपदाओं के रुप में कई बार देखे जा चुके हैं।

कुदरत का कहर

इन आपदाओं में भारी जन-धन हानि का नुकसान लोगों को झेलना पड़ता है। बीते शुक्रवार को ब्राजील के दक्षिणी हिस्से में एक कोयला खदान में भी कुदरत ने मनुष्य और उसके विज्ञान को चुनौती देते हुए जमकर तबाही मचाई।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, यहां कोयला खदान पर बना बांध देखते ही देखते ताश के पत्तों की तरह बिखर गया और उसके बाद आई जलप्रलय ने किसी को कुछ सोचने-समझने का मौका नहीं दिया। खबरों के मुताबिक, इस कुदरती हादसे में अब तक कुल 40 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब 300 लोग लापता हो चुके हैं। हादसे के बाद मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए राहत एवं बचावकर्मी अपने प्रयासों में लगे हुए हैं। लेकिन इस दौरान भी रुक-रुक कर होने वाली बारिश बचावकर्मियों के लिए चुनौती का सबब बनी हुई है।

इस बांध हादसे की भीषणता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो और अधिकारियों ने बांध हादसे को त्रासदी करार दिया है।

इस खदान का मालिकाना हक ब्राजील की कंपनी वेल के पास है जो इसका संचालन भी करती है। शुक्रवार दोपहर को जब बांध टूटा तब कर्मचारी भोजन अवकाश (लंच ब्रेक) पर थे। देखते ही देखते पूरा ढांचा ध्वस्त हो गया और हर तरफ केवल मलबा नजर आने लगा।

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कंपनी के अधिकारियों ने मामले पर बयान देते हुए कहा कि करीब 100 कर्मचारी सुरक्षित मिल गए हैं। लेकिन शनिवार को ही कंपनी ने एक बयान में कहा कि 200 कर्मचारी अब तक लापता हैं। वहीं दमकल अधिकारियों ने पहले यह संख्या लगभग 300 की बताई थी।

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