किसानों की विशाल रैली दिल्ली के संसद मार्ग पहुंची, किसान मुक्ति मार्च का आयोजन

नई दिल्ली| देशभर से हजारों किसान शुक्रवार को दिल्ली पुलिस से इजाजत मिलने के बाद फसलों के उचित दाम और कर्ज माफी की मांग को लेकर दिल्ली के संसद मार्ग पहुंच गए। किसान मुक्ति मार्च का आयोजन करने वाले संगठन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) को आधी रात को प्रदर्शन करने के लिए जरूरी इजाजत मिल गई थी।
किसान मुक्ति मार्च
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने पत्रकारों से पुष्टि करते हुए कहा कि रैली के लिए इजाजत 12 बजे मध्यरात्रि को मिल गई थी।

मध्य दिल्ली के रामलीला मैदान से सुबह 10 बजे शुरू हुआ यह मार्च पूर्वाह्न् 11.30 बजे संसद मार्ग पहुंचा।

पाटेकर ने प्रदर्शन मार्च की अगुवाई की और किसानों ने केंद्र में भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाए।

उन्होंने कहा, “दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने रैली में हिस्सा लेने की पुष्टि की है।”

इसके अलावा नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव भी यहां किसानों को संबोधित कर सकते हैं।

कई महिला किसान और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को किसानों के पक्ष में नारे लगाते देखा गया।

किसानों के कई समूह ने एआईकेएससीसी के बैनर तले गुरुवार को दिल्ली के निजामुद्दीन, सब्जी मंडी स्टेशन, आनंद विहार टर्मिनल और मजनू का टीला से रैली निकाली।

स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने ब्रिजवासन से रामलीला मैदान तक 26 किलोमीटर की प्रदर्शन रैली निकाली, जिसमें ओडिशा, हरियाणा और राजस्थान के किसान शामिल हुए।

कई लड़कियां जिनके किसान पिता ने आत्महत्या कर ली थी, उन्होंने अपने गले में अपने दिवंगत पिता की फोटो लटकाकर रैली में हिस्सा लिया।

शुक्रवार की रैली एआईकेएससीसी द्वारा आयोजित चौथी बड़ी रैली है, जिसमें 200 से ज्यादा किसान संगठनों ने हिस्सा लिया।
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इस विरोध प्रदर्शन में मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों पर गोलीबारी के बाद भाजपा सरकार के ‘गैर-किसान’ नीतियों के विरोध में भी प्रदर्शन किया जा रहा है। वर्ष 2017 की इस घटना में छह किसान मारे गए थे।

स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता और महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हटकांगला के सांसद राजू शेट्ठी ने 2017 में संसद में दो निजी विधेयक पेश किया था, जिसमें उन्होंने कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा के आधार पर कृषि उत्पादों की निश्चित लाभकारी कीमतों की मांग की थी।
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एआईकेएससीसी ने इस बाबत संसद के विशेष सत्र की मांग की है ताकि बिलों पर चर्चा हो सके और इसे पारित कराया जा सके।

संगठन का कहना है कि 21 राजनीतिक पार्टियों ने इस बिल के समर्थन की बात कही है। इसके साथ ही एआईकेएससीसी ने प्रदर्शन मार्च में भाग लेने के लिए मोदी को पत्र भी लिखा है।

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