
तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों की रद्द करने की मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर जारी प्रदर्शन शुक्रवार को 65वें दिन में प्रवेश कर गया है। हालांकि इस दौरान भी बात अगर यूपी बॉर्डर की हो तो भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने मोर्चा संभाल रखा है।

वहीं पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन के चलते दिल्ली-एनसीआर के 60,000 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो चुका है। इस प्रदर्शन के चलते ही कई लोगों की नौकरी भी जा चुकी है।
ज्ञात हो कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए उपद्रव के बाद गाजियाबाद जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए यूपी गेट पर प्रदर्शनकारी किसानों को धरनास्थल को खाली करने का आदेश दिया है, लेकिन शुक्रवार सुबह से हालात जस के तस हैं।