
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare) कृषि कानूनों को लेकर केंद्र को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने खुले शब्दों में कहा कि यदि आगले साल की जनवरी के अखिरी तक केंद्र सरकार ने किसानों की मांगों को नहीं सुना तो वे भूख हड़ताल पर चले जाएगे। अपनी इस भूख बड़ताल के बारे में हजारे ने बताया कि उनकी यह हड़ताल अंतिम विरोध होगा। बीते रविवार को अहमदनगर जिले में अपने रालेगाँव सिद्धि गाँव में पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से खेती करने वालों के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन सरकार ने मुद्दों को हल करने के लिए कुछ नहीं किया है।

किसानों के समर्थन में अपनी आवाज उठाते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि, “सरकार सिर्फ खाली वादे दे रही है, जिसके कारण मुझे सरकार में कोई भरोसा नहीं बचा है … आइए देखते हैं, केंद्र मेरी मांगों पर क्या कार्रवाई करती है। उन्होंने एक महीने का समय मांगा है, इसलिए मैंने उन्हें जनवरी-अंत तक का समय दिया है। अगर मेरी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो मैं अपनी भूख हड़ताल फिर से शुरू करूंगा। यह मेरा आखिरी विरोध होगा।”

अन्ना हजारे लगातार किसानों को न्याय दिलाने के लिए सावल उठा रहे हैं। बीते दिनों हजारे ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भूख हड़ताल की चेतावनी देते हुए पत्र लिखा। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा था कि यदि एमएस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने और कृषि लागत और मूल्य आयोग को स्वायत्तता प्रदान करने जैसी उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो वो भूख हड़ताल पर चले जाएंगे।
