बच्चे के शरीर के ये बदलाव हैं, किडनी कैंसर के कारण
आजकल के बदलते और बिगड़ते लाइफस्टाइल के चलते न सिर्फ उम्रदराज लोग बल्कि बेहद छोटे बच्चे भी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो रहे हैं। जिसमें 2 वर्ष की आयु से लेकर 15 साल तक की आयु के बच्चे शामिल हैं।
बॉलीवुड अभिनेता इमरान के बेटे को भी 4 वर्ष की उम्र में किडनी कैंसर हुआ था। पांच वर्ष की लंबी जंग के बाद हालांकि वह अब पूरी तरह से ठीक हो गए हैं।
इमरान हाशमी के बेटे को फर्स्ट स्टेज का कैंसर था जो शुरुआत में ही डिटेक्ट हो गया था। किडनी कैंसर को रेनल कार्सिनोमा रोग भी कहते हैं। इस रोग तब शरीर में घुसता है जब किडनियों में सेल्स तेजी से बढ़ने लगती है और एक समय बाद ट्यूमर का रूप ले लेती है।
ये एक ऐसा कैंसर है जो बच्चों, महिला और पुरुष किसी को भी हो सकता है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि कैंसर एक ऐसा खतरनाक रोग है जिसकी चपेट में जाने वाला व्यक्ति यदि खुद को अच्छी तरह ख्याल न रखें तो जान जाने में देर नहीं लगती है। आज हम आपको बता रहे हैं कि कैंसर होने के क्या कारण हैं और यह किन लोगों को जल्दी होता है।
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बच्चों में होने वाले कैंसर का निदान व इलाज बड़ों के कैंसर से अलग होता है। बच्चों को कैंसर होने पर कोशिकाओं की बढ़त नियंत्रण के बाहर हो जाती है, उनका आकार सामान्य नहीं होता है।
साथ ही वे आसपास की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाती हैं जिससे अन्य अंगों में कैंसर के फैलने की आशंका रहती है। बच्चों में जैसे-जैसे कैंसर कोशिकाएं बढ़ने लगती है शरीर में न्यूट्रीन की खपत भी बढ़ने लगती है।
कैंसर से बच्चे की शारीरिक शक्ति कम होने लगती है। बच्चों में कैंसर के लक्षणों में बुखार, ग्लैंड में सूजन व खून की कमी होना शामिल है। इन लक्षणों से बचने के लिए जानिए इनके पीछे क्या कारण होते हैं।
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क्या है किडनी कैंसर
वो मरीज जिनकी किडनी पूर्ण रूप से खराब हो जाती हैं या ठीक प्रकार से काम नहीं करती उन्हें डायलीसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्ययकता होती है। हमारी किडनी संचलन के दौरान रक्त वाहिनियों और ट्युबूल्स की मदद से रक्त को साफ कर द्रव को दोबारा अवशोषित करती हैं। प्रत्येक किडनी न्यूरान नामक छोटी इकाई से बनी होती है।
किडनी का कैंसर असामान्य किडनी की कोशिकाओं का अनियंत्रित विकास है जो कि किडनी की सामान्य कोशिकाओं को नष्ट कर उन्हें प्रभावित कर शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है। किडनी कैंसर तीन प्रकार का होता है- रेनल सेल कार्सिनोमा, ट्रांजि़शनल सेल कार्सिनोमा और रेनल सार्कोमा।
किडनी कैंसर के लक्षण
अधिकतर स्थितियों में किडनी का कैंसर किसी प्रकार के दर्द के बिना ही बढ़ता जाता है। कुछ प्रकार के किडनी के कैंसर का पता लक्षण के बिना ही लग जाता है। जब किडनी के कैंसर के लक्षण बढ़ते हैं तो ऐसे में रेनल सेल कार्सिनोमा बहुत से लक्षण दर्शाता है जो कि किडनी से सम्बरन्धिसत नहीं दिखाई देते हैं।
इस प्रकार का ट्यूमर आसपास की वेन्से में भी फैल जाता है और वेन्सत में ब्लारकेज का कारक बनता है। इस प्रकार का ट्यूमर एक या एक से अधिक हार्मोन का निर्माण भी करता है जो कि रूकावट का कारक बनत्ते है। ट्यूमर के कारण एक या एक से अधिक हार्मोन का निर्माण भी हो सकता है। ऐसे कुछ लक्षण हो सकते है
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- पेट में कोई असामान्या गांठ या सूजन
- लगातार थकान होना
- वज़न का घटना
- बिना कारण बुखार का आना
- बढ़े हुए लिम्फर नोड्स
- पुरूषों में स्क्रो टम के बायीं तरफ बड़ी वेन्स का इकट्ठा होना जिन्हें कि वैरीकोसील कहते हैं
- हाई ब्ललड प्रेशर जो कि सामान्यब तौर पर नियंत्रित होता है
- सांस लेने में परेशानी होना या रक्तम के जमने के कारण पैरों में दर्द होना
- पेट में जमे तरल पदार्थ के कारण पेट में सूजन
- हड्डियां जो कि आसानी से टूट जायें।
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क्या है किडनी कैंसर से बचाव
- एक बार फिर धूम्रपान से बचाव इस कैंसर में सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षात्मक कदम है।
- स्वस्थ आहार, व्यायाम और उच्च रक्तचाप का नियंत्रण भी इन रोगियों में जोखिम को कम करने मददगार रहते हैं।
- क्रोनिक किडनी के रोगी को अपने गुर्दे की स्थिति की नियमित जांच करवाना चाहिए, किसी भी असामान्य लक्षण के मामले में डॉक्टर को बतलाना चाहिए और अन्य अपने गुर्दे को कैंसर से बचाने के लिए सभी कारकों के जोखिम से बचने के लिए प्रयास करना चाहिए।
- व्यावसायिक रासायनिक एक्सपोज़र महत्वपूर्ण मुद्दा है और लोगों को पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए और सुरक्षा के उपाय जानने से न्यूनतम जोखिम होता है, और किसी भी
- असामान्य लक्षण के बारे में सूचित करना चाहिए ताकि कोई असामान्यता का जल्दी पता लगाया जा सके।