कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम में आज शहीदों को नमन करेंगे PM मोदी, बेहद खास होगा ये कार्यक्रम

सन 1999 के कारगिल युद्ध में जब हमारे जवानों ने अपनी जान पर खेलकर दुश्मन सेना को धूल चटाई थी उसको याद करके हर भारतवासी  का सीना गर्व से फूल जाता है. जहाँ देश में हर कोई इस दिन को याद कर रहा है, वहीँ आज दिल्ली में होने वाले कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम में PM मोदी भी शिरकत करेंगे और शहीद जवानों के जज्बे को नमन करेंगे. आज इस लड़ाई को 20 वर्ष पूरे होने पर ये कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे.

kargil vijay divas

आपको बता दें कि आज तक किसी भी प्रधानमंत्री ने कारगिल विजय दिवस के सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग नहीं लिया है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस कार्यक्रम में जाना और भी खास बन जाता है.

कार्यक्रम के खास आकर्षण-

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आयोजित इस खास कार्यक्रम में सेना की बैंड अपनी प्रस्तुति देगा. इसके अलावा कारगिल युद्ध पर बनी 8 मिनट की फिल्म भी दिखाई जाएगी. तीन घंटे के खास कार्यक्रम में मशहूर गायक मोहित चौहान भी प्रस्तुति देंगे और युवाओं के दिल में जोश भरेंगे. इसके अलावा और भी कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे. विजय दिवस पर भारतीय वायु सेना, नौ सेना और थल सेना के प्रमुखों ने द्रास स्थित कारगिल वार मेमोरियल पर शहीद जवानों को याद किया. जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

लगभग 60 दिन चले इस युद्ध में भारत और पाकिस्तान की सेनाएं आमने-सामने थीं और भारतीय सैनिकों ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पाकिस्तान पर जीत हासिल की. परिस्थितियां भारत के पक्ष में इसलिए नहीं थीं क्योंकि पाकिस्तानी सैनिकों ने ऊंची और खड़ी पहाड़ियों के पोस्ट पर कब्जा कर लिया था.

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बताया जाता है कि इस लड़ाई में करीब तीन हजार पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. हालांकि इस जंग को लेकर पाकिस्तान का कहना है कि उसके करीब 357 सैनिक ही मारे गए थे.इस जंग में करीब 11 मई को भारतीय वायुसेना भी शामिल हो गई थी लेकिन उसने कभी एलओसी पार नहीं की. वायुसेना का लड़ाकू विमान मिराज, मिग- 21, मिग- 27 और कई लड़ाकू हेलीकॉप्टर ने पाकिस्तानी घुसपैठियों की कमर तोड़ दी थी.

भारत ने यह लड़ाई करीब 16 हजार से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ी. तकरीबन दो महीने तक चला यह जंग भारतीय सेना के साहस और ताकत का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर भारतीय को गर्व है.

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