अपने शब्दों की वजह से बुरे फंसे आजम खान, सभी नेताओं ने जमकर उठाई निलंबन की मांग

समाजवादी पार्टी के दिगाज नेता आजम खान की मुश्किलें हैं कि कम होने का नाम नहीं ले रहीं. जहाँ एक तरफ उन्हें जौहर यूनिवर्सिटी से हाथ धोना पड़ा वहीँ दूसरी तरफ उनके बड़बोलेपन की वजह से वो एक बार फिर खतरे से घिर गए हैं. यहाँ हम बात कर रहें हैं सभापति रमा देवी के लिए प्रयोग किये गए उनके शब्दों की. उन्होंने कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जिसको लेकर लोकसभा में हर कोई उनके खिलाफ खड़ा हो गया. खासकर महिला नेताओं ने जमकर उनके निलंबन की आवाज उठाई.

azam khan

समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान को भूमफिया घोषित किए जाने वाले मामले को पार्टी की ओर से दोनों सदनों में बड़ी जोर-शोर से उठाया गया. हालांकि इस मुद्दे पर सपा को विपक्ष के अन्य दलों का साथ नहीं मिल पा रहा है. सपा ने रामपुर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर आजम खान के खिलाफ दर्ज करवाई जा रही एफआईआर का मुद्दा उठाया. आरोप लगाया कि आजम खान के परिवार को प्रताड़ित करने के लिए 26 एफआईआर दर्ज की गईं.

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना सदन में कई सारे तथ्य लेकर पहुंचे. उन्होंने कहा कि आजम खान और रामपुर के पूर्व सीओ सिटी के खिलाफ एफआईआर एसडीएम सदर, रामपुर के आदेश पर दर्ज हुई हैं.

साथ ही उन्होंने एफआईआर दर्ज करानेवालों के नामों सहित उन लोगों के नामों की जानकारी सदन को दी, जिनकी जमीनें विवि में शामिल की गई हैं. उन्होंने बताया कि बिना जिलाधिकारी की अनुमति के अनुसूचित जाति के लोगों की जमीनें भी ट्रस्ट के नाम करवाई गईं. आरोप लगाया कि सपा की जो कमिटी जांच करने गई थी, उन्होंने भुक्तभोगी किसानों का पक्ष ही नहीं लिया.

कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि आजम खान के विवि के जो बिल आए हैं, उसका वह समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उसमें विसंगतियां हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारा सपा के साथ कोई गठबंधन तो है नहीं कि हम हर मुद्दे पर उनके साथ रहेंगे, लेकिन यह भी कहूंगा कि किसी व्यक्ति को राजनीतिक द्वेष के चलते परेशान नहीं किया जाना चाहिए. मामले की न्यायपूर्वक जांच हो. कानून के दायरे में सब आते हैं. किसी पार्टी विशेष को निशाना बनाकर परेशान नहीं किया जाना चाहिए.’

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बसपा से विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा, ‘हम जो मुद्दा विधानसभा में लाते हैं, उसी पर बात करते हैं. आजम खान के प्रकरण में मुझे कोई जानकारी नहीं है.

इस मामले की वास्तविकता जाने बिना कोई कमेंट करना ठीक नहीं है. एक बात तो है कि भाजपा हर मुद्दे में राजनीति कर रही है. भाजपा अपने विरोधियों को परेशान कर रही है. हमारी पार्टी पर मुद्दे तय होते हैं कि किस पर बोलना है, किस पर नहीं. इस मुद्दे पर मेरा कोई विचार नहीं है.’

दोनों सदनों में हालांकि सपा द्वारा उठाए गए मॉब लिंचिंग या फिर सोनभद्र नरसंहार मामले में पूरा विपक्ष एक साथ दिखा. इन्हीं सब मुद्दे को लेकर सपा के साथ सारे विपक्षी दलों ने बहिर्गमन भी किया. लेकिन आजम खान के मुद्दे पर अभी तस्वीर धुंधली ही दिखाई दे रही है. इस पर कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है.

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