मौत को दावत देता है आपका लगातार घंटों बैठकर काम करना

कामलोगों को अक्सर एक जगह बैठकर काम करना अच्छा लगता है लेकिन इससे हमारे शरीर को बहुत नुकसान होते हैं। पूरे दिन एक ही जगह बैठे रहने से असमय मौत का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं का ये कहना है कि इस जोखिम को दूर रखने के लिए लोगों को थोड़े थोड़े अंतराल पर उठकर टहलना चाहिए।

40 अध्ययनों के नतीजे

शोधकर्ताओं ने ये चेतावनी  40 अध्ययनों के नतीजों के बाद दी है। उन्होंने पाया कि कोई व्यक्ति जितना ज्यादा समय एक ही जगह बैठ कर गुजारता है, उसको दिल से जुड़ी बीमारियों, कैंसर, मधुमेह और असमय मौत की चपेट में आने का उतना ही ज्यादा खतरा होता है। शोधकर्ताओं ने कहा, जोखिम में इससे अंतर नहीं पड़ता कि कोई कार्यालय की कुर्सी पर बैठता है या गद्दे पर या कार की सीट पर।

मांसपेशियों पर असर

देर तक गतिहीन रहने से हमारी शरीर की मांसपेशियों की गतिविधि सीमित हो जाती है। खासकर पैरों और पीठ की मांसपेशियों पर इसका असर पड़ता है। इससे लंबे समय तक बैठे रहने से रक्त वाहिनियों के कार्य पर भी प्रभाव पड़ता है। ज्यादा खाने की आदत भी पैदा होने की आशंका बढ़ जाती है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होने लगती हैं।

60 मिनट का व्यायाम रोज

इन हानिकारक प्रभावों को कुछ हद तक व्यायाम कम कर देती है, लेकिन उन्हें पूरी तरह से समाप्त नहीं कर सकती। हमें प्रति दिन कम से कम 60 मिनट तक हल्का मगर व्यायाम करना चाहिए। ऐसे व्यायामों में तेजी से पैदल चलना, टेनिस खेलना या बॉलरूम डांस करना शामिल हैं। इससे पूरे दिन बैठे रहने से पैदा होने वाला असमय मौत का खतरा टल सकता है।

स्वस्थ जीवनशैली आवश्यक

इससे बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना आवश्यक है, जिसके लिए शारीरिक सक्रियता और व्यायाम दोनों जरूरी हैं। शोधकर्ताओं ने कुछ ऐसे उपाय सुझाए हैं जो न केवल देर तक बैठे रहने से बचा सकते हैं, बल्कि सारा दिन शारीरिक तौर पर निष्क्रिय रहने के दुष्प्रभावों को भी कम कर सकते हैं।

खड़े रहकर करें काम

कार्यालय में काम करने के दौरान हर आधे घंटे पर कुछे मिनट के लिए कुर्सी छोड़कर खड़े हो जाना और टहलना एक कारगर उपाय हो सकता है। अगर संभव हो तो ऐसे डेस्क का इस्तेमाल करें जिसपर खड़े होकर और बैठकर दोनों तरह से काम किया जा सकता हो।

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