कानपुर के खेरेश्वर घाट पर सैकड़ों लाशों का मंजर देख सभी की रूह कांप उठी

उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है। यहां के कई इलाकों में तेज बारिश के साथ आंधी ने दस्तक दी है। इसी बीच यूपी के कानपुर जिले से जो तस्वीरें सामने आई हैं उससे सभी की रूह कांप उठी है। यहां के शिवराजपुर का खेरेश्वर घाट भी सैकड़ों लाशों से पटा पड़ा है। यहां करीब तीन सौ मीटर के दायरे में लाशों को दफनाया गया है। यहां जिधर भी निगाहें दौड़ाई गईं, शव ही शव नजर आए।

यहां बारिश और तेज आंधी से शवों के ऊपर से बालू हट गई तो मृतकों के परिजनों की बेबसी और मजबूरी सामने आ गई। बताया जा रहा है कि आसपास के ग्रामीण लकड़ी महंगी होने और आर्थिक तंगी के चलते सूखी गंगा में ही शव दफनाकर चले गए। घाट पर तो शवों का अंतिम संस्कार होता आया है लेकिन ग्रामीणों की मानें तो पहली बार गंगा किनारे और बीच में शवों को दफनाने का मामला सामने आया है।

बता दें कि यूपी में जब कोरोना पीक पर था तब इतनी मौतें हुईं कि घाटों पर जगह कम पड़ गई। लंबे इंतजार और अनापशनाप खर्चे से बचने के लिए मजबूर व आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण चोरी छिपे यहीं पर अपनों के शव दफनाते रहे। वहीं एक दिन पहले हुई बारिश के बाद जब बालू बह गई तो ये शव नजर आने लगे।  गुरुवार को इसकी खबर फैली तो मजमा लग गया। किसी शव का हाथ नजर आया तो किसी का पैर। कई शवों को तो कुत्तों ने नोंच-नोंचकर क्षतविक्षत कर दिया था। खबर फैली तो पुलिस अफसर भी पहुंचे और मामले को संज्ञान में लिया।

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