मोदी लहर के चलते कांग्रेस परेशान, भाजपा के विरुद्ध, नहीं मिल रहे उम्मीदवार

राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबले का दम भरने वाली कांग्रेस को वाराणसी संसदीय क्षेत्र में टिकट के दावेदार नहीं मिल रहे हैं। आठ मार्च को भाजपा संसदीय बोर्ड ने प्रधानमंत्री को दोबारा उम्मीदवार बनाने की सलाह दी है।

कांग्रेस

सपा-बसपा गठबंधन में वाराणसी सीट सपा के खाते में आई है। 2014 में सपा ने इस सीट से कैलाश चौरसिया को उम्मीदवार बनाया था, जबकि कांग्रेस के टिकट पर पूर्व विधायक अजय राय लड़े थे। इस बार कांग्रेस ने टिकट के दावेदारों से आवेदन मांगे थे।

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जानकारी के मुताबिक टिकट के लिए अजय राय ने फिर आवेदन किया है, जबकि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त प्रो. अनिल कुमार उपाध्याय भी टिकट के दावेदारों में शामिल हैं। दावेदारों की सूची नई दिल्ली भेज दी गई है।

चुनावी मैदान में आजमा चुके है किस्मत

अजय राय पिंडरा से विधायक रह चुके हैं, वहीं प्रो. उपाध्याय स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी किस्मत आजमा चुके हैं। आश्चर्यजनक यह है कि 2004 में सांसद चुने गए और 2017 में शहर दक्षिणी से कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. राजेश मिश्र का नाम आवेदन करने वालों में शामिल नहीं है।

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2014 में अजय राय को पीएम मोदी (581022 वोट) के मुकाबले 75614 मतदाताओं ने समर्थन दिया था। बसपा के विजय प्रकाश जायसवाल को 60597 और सपा के कैलाश चौरसिया को 45291 वोट मिले थे। चुनाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 209238 वोट मिले थे और वह दूसरे स्थान पर रहे थे। केजरीवाल के अलावा अन्य प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी।

 

 

 

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