आखिरकार 10 दून को होगी कांग्रेस की लोकसभा चुनाव समीक्षा की बैठक

देर से ही सही, लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर समीक्षा करने की कांग्रेस को सुध आ गई है। उत्तराखंड कांग्रेस की 10 जून को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। बैठक में सभी शहर और जिला अध्यक्षों के अलावा पार्टी विधायकों और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों को बुलाया गया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस हार की समीक्षा के बाद आने वाले दिनों में संगठनात्मक मजबूती के लिए इस बैठक में चर्चा करेगी।

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लोकसभा चुनाव में पांचों सीटों पर हारने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में अंदरखाने बेचैनी का माहौल है। ये गनीमत है कि छिटपुट आरोप-प्रत्यारोप को छोड़कर कांग्रेस के नेताओं ने हार का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ने की शुरुआत नहीं की है। हाईकमान का संकेत भांपकर हरीश रावत और प्रीतम सिंह जैसे नेताओं ने एकजुटता दिखाने के भरसक प्रयास किए हैं। इन स्थितियों के बीच, उत्तराखंड कांग्रेस की अभी तक सिर्फ एक औपचारिक बैठक हुई है, जिसमें प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी से पद पर बने रहने का अनुरोध किया गया है। हार की समीक्षा के लिए अब 10 जून को कांग्रेस के सभी छोटे बडे़ नेता बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह और सह प्रभारी राजेश धर्माणी भी मौजूद रहेंगे।

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जब बोलने की जरूरत, तब गफलत का साया
नैनबाग क्षेत्र में अनुसूचित जाति की बच्ची से दुष्कर्म से जुडे़ मसले पर जब कांग्रेस से सबसे ज्यादा बोलने की अपेक्षा की जा रही है, तब वह खामोश है। दरअसल, पार्टी हाईकमान ने एक महीने तक टीवी चैनलों की डिबेट में जाने से अपने प्रवक्ताओं को मना किया है, मगर उत्तराखंड में इस निर्णय को अलग-अलग ढंग से लागू किया जा रहा है। कांग्रेस के कुछ नेता अपना पक्ष रखने से मना कर रहे हैं, तो कुछ खुलकर अपनी बात कह रहे हैं। उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा तो प्रेस कांफ्रेंस भी कर चुके हैं। इस गफलत की स्थिति में दुष्कर्म के मामले में कांग्रेस मुखर होकर सामने नहीं आ पाई है।

लोकसभा चुनाव के नतीजों की व्यापक समीक्षा हम सभी करने जा रहे हैं। 10 जून को देहरादून में बैठक बुलाई गई है। इसके बाद पिथौरागढ़ में भी बैठक की जाएगी। नतीजों से सबक लेकर पार्टी को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए सभी मिलकर कार्य करेंगे।

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