कहकशां ने जीता बच्चों का ‘नोबेल’

कहकशांहेग। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रहने वाली एक भारतीय छात्रा कहकशां ने इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार (इंटरनेशनल चिल्ड्रेंस पीस प्राइज) जीता है।

उन्हें यह पुरस्कार भूमंडल को बचाने के लिए किए गए संघर्ष के लिए मिला है। खबर के मुताबिक, स्कूली छात्रा कहकशां बसु (16) को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस ने हेग में आयोजित एक समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया गया ।

कहकशां ने आठ वर्ष की उम्र में दुबई स्थित अपने पड़ोस में कचरे के पुनर्चक्रण (रिसाइक्लिंग) के लिए जागरूकता अभियान चलाया। वह मेजर ग्रुप फॉर चिल्ड्रेन एंड यूथ ऑफ द यूएन एनवायर्मेटल प्रोग्राम की अब तक की सबसे कम उम्र की वैश्विक समन्यवयक बनने जा रही है।

कहकशां ने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों को संबोधित किया है और उसका संगठन ग्रीन होप 10 देशों में सक्रिय है, जिसमें 1000 से अधिक स्वयंसेवी हैं।

यूनुस ने कहा, “इतनी कम उम्र की शख्सियत की यह महान उपलब्धि है और इसके महत्वपूर्ण संदेश के साथ इसका विस्तार पहले से ही काफी ज्यादा है।”

उन्होंने आगे कहा, “कहकशां ने हमें पढ़ाया है कि एक लंबे समय तक कायम रहने वाले भविष्य के लिए काम करना हम सभी की जिम्मेदारी है।”

किड्सराइट्स फाउंडेशन के संस्थापक मार्क दुल्लार्ट ने कहा कि स्कूली छात्रा कहकशां इस वजह से जीती, क्योंकि उसने वास्तविक प्रभाव के साथ एक आंदोलन शुरू करने की अपनी क्षमता साबित की।

एम्सटर्डम स्थित संस्था ने यह पुरस्कार 2005 में शुरू किया था।

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