कश्मीर घाटी में फिर झड़प, 2 मरे और सेना पहुंची

कश्मीरश्रीनगर। कश्मीर के दक्षिणी हिस्से में शनिवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई ताजा झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई। सरकार ने वहां सामान्य स्थिति बहाल करने में सहायता के लिए सेना को भेजा है। घाटी 64वें दिन भी बंद रही।

पुलिस ने कहा कि सुरक्षाबलों को गलत बताते हुए दक्षिण कश्मीर के दो गांवों में सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, जहां सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई और दो लोग मारे गए। पुलिस ने कहा कि शोपियां के तुकरू और अनंतनाग के बोतनगू गांव में प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले व पेलेट छोड़े और लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोग घायल हो गए।

जाने अब क्‍या हुआ घाटी में

मारे गए लोगों की पहचान सायार अहमद शेख (25) और यावार अहमद (23) के रूप में हुई है। पुलिस के एक प्रवक्ता के अनुसार, शेख के सिर में आंसूगैस का गोला लग गया था। शोपियां के इस व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

स्वास्थ्य कर्मियों के अनुसार, झड़प के दौरान अहमद के सीने और पेट में पेलेट लगी थी। अनंतनाग अस्पताल में ले जाने पर उसे भी मृत घोषित कर दिया गया। कश्मीर घाटी में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के गत आठ जुलाई को एक मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से झड़पों में मृत हुए लोगों की संख्या 78 हो गई है।

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इस दौरान 12 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी एवं नागरिक घायल हुए हैं। अलगाववादियों के बंद के आह्वान के बाद से घाटी दो माह से अधिक समय से बंद है। हिंसा की ताजा घटना के बाद से सेना के सैकड़ों जवान प्रशासन की मदद के लिए और दक्षिणी कश्मीर घाटी के पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति बहाल करने के लिए कूच कर रहे हैं। इसके बावजूद श्रीनगर सहित विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किए हैं।

लगभग 60 लोगों की मौत दक्षिण कश्मीर में हुई है जो आतंकी सरगना बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से उपद्रव का केंद्र बना हुआ है। सूत्रों ने कहा कि सड़कों पर उत्पात को देखते हुए सेना ने पिछले दो माह से आतंकवाद विरोधी अभियान स्थगित कर रखा है।

आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए फिर से सेना को तैनात किया गया है। सेना को कहा गया है कि जब तक उस पर भीड़ पत्थरों से हमला नहीं करे, तब तक वह भीड़ नियंत्रित करने के काम में न लगे। सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह अभी कश्मीर घाटी के दो दिवसीय दौरे पर हैं। सूत्रों ने कहा कि सेना प्रमुख का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब सेना को दक्षिण क्षेत्र में जाने के लिए कहा गया है।

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अलगाववादियों द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शनों को विफल करने के लिए शनिवार को घाटी के कई इलाकों में कर्फ्यू जारी है। लेकिन श्रीनगर सहित विभिन्न स्थानों पर लोग सड़कों पर उतरे और उन्होंने रैलियां निकाली। प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी और आजादी समर्थक नारे लगाए।

सरकारी सूत्रों का कहना है कि सेना बड़े पैमाने पर दक्षिणी कश्मीर में आतंक विरोधी अभियान शुरू करेगी क्योंकि प्रशासन का मानना है कि पाकिस्तान के आतंकी नेता अपने गुर्गो व कार्यकर्ताओं के जरिए आंदोलन को सीधे प्रायोजित कर रहे हैं। दिल्ली में भाजपा नेता और कश्मीर मामलों के प्रमुख राम माधव इससे सहमत हैं। उन्होंने कहा कि युनाइटेड जिहार काउंसिल का कमांडर और हिजबुल मुजाहिदीन गुट का प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन कट्टरपंथी हुर्रियत के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी के जरिए सड़कों पर उत्पात कराने का मास्टरमाइंड है।

माधव ने इंडिया टुडे टीवी से एक साक्षात्कार में कहा, इसका नेतृत्व सैयद सलाहुद्दीन कर रहा है और कुछ वर्ग उससे प्रभावित हैं। गिलानी घाटी में इस मुहिम का नेतृत्व कर रहा है, इस बारे में कोई शक नहीं है। लेकिन इसके असली मास्टर माइंड सब सीमा पार के हैं।

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