सरकारी कर्मचारियों के लिए पीएम मोदी बने आफत, नए फरमान की अनदेखी मार देगी पेट पर लात

कर्मचारियों के लिए खतरेलखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के कमान संभालने से पहले ही राज्य के तमाम सरकारी कर्मचारियों के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। दरअसल यूपी में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा इसका ऐलान तो हो ही जाएगा लेकिन इन सबसे पहले ही पार्टी ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारी 20 मार्च से अपने समय से ही दफ्तर पहुंचे। इसके साथ ही अपने काम को समयसीमा के अंदर निपटाने को भी कहा गया है। वहीं यदि कोई कर्मचारी ऐसा करने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

गौरतलब है कि 2014 में भी जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तो तमाम केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए गए थे और उनका पालन करने की हिदायत भी दी गई थी। पीएम मोदी ठीक वैसा ही माहौल उत्तर प्रदेश में भी बनाना चाहते हैं जिससे सभी राज्य कर्मचारी समय का पालन कर अपने कर्तव्य को ठीक तरह से निभाएं।

बता दें कि अभी तक उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने सत्ता संभाली भी नहीं है लेकिन अपने सख्त तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। 17 मार्च को राज्य के मुख्य सचिव की ओर से जारी इस सर्कुलर में कहा गया है कि प्रदेश में जल्द ही नई सरकार का गठन होने वाला है। ऐसे में सरकार की तमाम नीतियों और संकल्पों को समय पर ही किया जाना अति आवश्यक है। जिसके लिए सभी सरकारी कर्मचारियों 20 मार्च, 2017 से वक्त पर ही आना होगा और जो इसकी अवहेलना करेगा, उसके खिलाफ तुरंत नोटिस जारी किया जाएगा।

बीजेपी ने अभी तक उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री का ऐलान नहीं किया है, लेकिन सूत्रों से जिस चेहरे को बल मिल रहा है उसके अनुसार केंद्रीय सूचना मंत्री मनोज सिन्हा का नाम सबसे आगे चल रहा है। लेकिन उन्होंने इन दावों को खारिज किया है।

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