पीएम मोदी को किसान मंच से चेतावनी: ‘कर्जमाफी’ जुमला निकला तो नहीं करेंगे माफ

कर्जमाफीलखनऊ। उत्तर प्रदेश में नई सरकार अभी बनी नहीं, लेकिन राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों की कर्जमाफी का वादा पूरा करने की मांग उठा दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपना भाजपा सरकार के गठन के बाद होने वाली पहली बैठक में ही पूरा कराएं।

शुक्रवार को राष्ट्रीय किसान मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दीक्षित ने कहा, “मुझे अंदेशा है, कहीं पीएम की कही कर्जमाफी की बात जुमला न साबित हो जाए, अगर ऐसा हुआ तो किसान उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि गन्ना किसानों के बकाए भुगतान व उनकी भुगतान प्रक्रिया को बदलने का वादा भी नई सरकार की पहली बैठक में पूरा किया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह के निकट जयशंकर सभागार में किया गया। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने एवं संचालन राष्ट्रीय किसान मंच के संगठन मंत्री संजय द्विवेद्वी ने किया।

बैठक में पूरे देश के किसान मंच के प्रमुख पदाधिकारियों ने अपने विचार रखे एवं देश के हर प्रांत में किसानों की दुर्दशा को उजागर करते हुए आक्रोश व्यक्त किया कि जब तक किसानों को उनके मूलभूत अधिकार एवं उनका सम्मान नहीं मिल जाता, तब तक मंच अपना संघर्ष जारी रखेगा।

वहीं एक महत्वपूर्ण निर्णय किया गया कि किसानों को जागरूक करने के लिए उन्हें एकजुट कर संगठित करने और जाति-पाति से ऊपर उठकर कार्य करने के लिए प्रदेश में महापंचायतों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही स्थानीय किसानों की समस्याओं को सरकारों तक पहुंचा कर उनका सावधान कराया जाएगा।

बैठक में प्रमुख रूप से स्वामी विद्या चैतन्य, जय पांडेय (लखनऊ), के.डी. पांडेय (रायबरेली), अमरनाथ मिश्रा (हाजीपुर, बिहार), कर्नल द्विवेद्वी, राजीव द्विवेद्वी (मुंबई) उमाकांत पाठक (मध्यप्रदेश) के अलावा लखनऊ के वसीम खान, अनिल चतुर्वेदी, अखिलेश शुक्ला राजन आदि लोग उपस्थित थे।

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