करीब 100 साल से महल के दरवाजे पर टंगी है ये चीज, जिसे देखकर उड़ गए सबके होश…

वाराणसी के महमूरगंज इलाके में मोतीझील हवेली के दरवाजे पर एक ऐसी चीज टंगी है, जिसे देखकर लोग हैरान रह जाते हैं। दरअसल, हवेली के दरवाजे पर 90 साल से 20 फीट लम्बा और 2 फीट चौड़ा मगरमच्छ का भूसा भरा स्टैचू टंगा है।

बताया जाता है कि राजा ने रानी को बचाने के लिए मगरमच्छ को मारकर उसे महल में टंगवा दिया था।

करीब 100 साल से महल के दरवाजे पर टंगी है ये चीज

राजा मोतीचंद्र के प्रपौत्र अशोक कुमार गुप्त के मुताबिक, साल 1920 में विशालकाय मगरमच्छ बाढ़ में बहता हुआ उनके मूल गांव आजमगढ़ के अजमतगढ़ में मल्लाहों को दिखा। गांव में घुसने के खतरे से लोग इसे देख कर घबड़ा गए और पूरे गांव के लोगों ने मिलकर इसे मार दिया।

मारने के बाद गांववालों ने मुखिया से राय-विचार करके फैसला किया की इसे बनारस के राजा मोतीचंद्र को गांव की तरफ से उपहार दे दिया जाए। इसके बाद मगरमच्छ बैलगाड़ी पर लादकर उसे दो दिन में मोतीचंद्र के घर पहुंचाया गया।

दूर-दूर से टंगे हुए मगरमच्छ को देखने आने लगे लोग

अशोक कुमार की मानें तो इसे टांगने के बाद रोज इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लगने लगी। दूर—दूर से लोग उसे देखने आते थे। कई सालों तक मगरमच्छ पूरा ही था। चमड़ा सूखने और अंदर भरे भूसे और घास का वजन आगे की ओर ज्यादा हो गया था, जिससे आगे का हिस्सा गिरा गया।

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ये हिस्सा सुरक्षित महल में रखा है।

कहा जाता है कि कभी इस विशालकाय मगरमच्छ ने महल के पीछे स्थित झील में नहाने गई रानी को निगल लिया था। राजा ने मगरमच्छ को मारकर रानी को जिंदा निकाल लिया था।

उसी समय राजा ने मगरमच्छ टंगवा दिया था।

बता दें, मोतीझील हवेली को बाबू मोतीचंद्र ने 1908 में बनवाया था। इन्हे ब्रिटिश गवर्मेंट ने राजा और सर की उपाधि दिया।

इसलिए लोग इन्हे राजा मोतीचंद्र से बुलाते थे। ये उस समय इलाके के जमींदार हुआ करते थे।

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