करतारपुर कॉरिडोर पर बैठक खत्म, पाकिस्तान ने मानी भारत की ये मांग

नई दिल्ली। करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार को एक बार फिर अहम बैठक हुई। दोनों देशों के अफसरों के बीच द्विपक्षीय वार्ता संपन्न हो चुकी है। बैठक में भारत ने पाकिस्तान के सामने श्रद्धालुओं के लिए वीजा मुक्त यात्रा की मांग रखी है।

गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एससीएल दास ने बताया कि भारत ने डेरा बाबा नानक और आसपास के इलाकों में बाढ़ को लेकर चिंता को पाकिस्तान से अवगत कराया। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने कहा कि 80 फीसदी मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई। बाकी मुद्दों को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच एक और बैठक किए जाने की जरूरत है।

एससीएल दास ने बताया कि पाकिस्तान इस बात पर राजी हो गया है कि ननकाना साहिब में पवित्र दर्शन के लिए रोजाना 5000 श्रद्धालु जा सकते हैं। विशेष अवसर पर इनकी संख्या को घटाने बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।

हालांकि, खालिस्तान समर्थकों की बैठक में मौजूदगी को लेकर भी चर्चा होनी तय मानी जा रही है, क्योंकि पाकिस्तान ने बैठक से ठीक पहले जो चाल चली है, वो सबके सामने आ गया है।

ये भी बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर को 22 नवंबर से पहले खोला जाना है, लेकिन तैयारियां अभी भी बाकी हैं। हिन्दुस्तान ने अपने हिस्से के काम को तेजी से निपटाया है, लेकिन पाकिस्तान की बदनीयती कहिए कि वो लगातार पेच फंसा रहा है और ननकाना साहिब में पवित्र दर्शन की राह में रोड़े अटका रहा है।

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खालिस्तान समर्थकों पर नाराजगी
बैठक से ठीक पहले पाकिस्तान ने खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को वहां के सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटा दिया। ये कूटनीतिक दबाव का बड़ा असर है। पहले दौर की बातचीत में भारत ने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी, गोपाल सिंह चावला करतारपुर कॉरिडोर की वार्ता कमेटी का भी सदस्य था।

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