जानिए क्यों 200 सालों से लिस्बन कर रहा है एक कटे हुए सिर की सुरक्षा

कटे हुए सिरअक्सर लोगों के शरीर को संभाल कर रखा जाता है. मिस्र की ‘ममी’ इसका उदाहरण है. लेकिन क्या कभी ऐसी जगह का नाम सुना जहां इंसानी सिर को संभाल कर रखा जाता है. इस जगह का नाम लिस्बन है.

इस जगह पर एक आदमी के कटे हुए सिर को सालों से रखा गया है. ये सिर डिओगो एलवस (Diogo Alves) नाम के आदमी का है. डिओगो एक सीरियल किलर था, जिसका जन्म 1810 Galicia में हुआ था. लिस्बन यूनिवर्सिटी में डिओगो के सिर को 1841 से संरक्षित करके रखा गया है.

मेडिकल डिपार्टमेंट में एंट्री करते ही सबसे पहले एक बड़े से जार में डिओगो का सिर रखा हुआ है, जो पीले रंग की तरह है. सिर का आकर आलू के जैसा है. उसकी आंखें खुली हुई हैं.

यह आदमी काम की तलाश में लिस्बन आया था. डिओगो छोटे-मोटे काम करके खुश नहीं था. इसलिए उसने गुनाहों के दलदल में कदम रख दिया. यह दलदल उसे इतना पसंद आया कि वह इसी में फंस कर रह गया. उसे पैसे कमाने का सबसे आसान रास्ता क्राइम ही लगा तो उसने अपने बड़े लेवल पर जुर्म करने शुरू कर दिए.

सबसे पहले उसने किसानों को लूटा, वो उन्हें लूट कर पुल से झील में फेंक दिया करता था. पुलिस ने भी इसे किसानों की आत्महत्या से जोड़ कर मामले को गंभीरता से नहीं लिया.

तीन साल बाद उसने ऐसा करना बंद कर दिया. इस बीच उसने अपना एक गिरोह बना डाला और उसकी लोगों के घरों में डाका डालना शुरू कर दिया. एक डॉक्टर के घर हत्या और लूटमार के आरोप में उसे गिरफ्तार कर किया गया, जिसके बाद कोर्ट ने उसे 1841 में फांसी की सजा सुनाई.

डिओगो से पहले भी कई मुजरिमों को फांसी की सजा हुई थी. लेकिन सिर्फ उसके सिर को ही संरक्षित करने का कारण बहुत ही खास है.

जब डिओगो फांसी पर लटकाया गया उस समय Phrenology एक पॉपुलर सब्जेक्ट के तौर पर उभर रही थी. इसमें इंसान के सिर से उसके व्यक्तित्व का अंदाजा लगाने के साथ उसके इंटरनल पार्ट्स पर स्टडी की जाती है. इस स्टडी को करने के लिए उस समय के वैज्ञानिकों ने डिओगो के सिर को संरक्षित किया था, जो आज भी प्रयोगशाला में रखा हुआ है.

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