कचहरी सीरियल विस्फोट मामले में दोषियों की सजा से वकील असंतुष्ट, की ये मांग

रिपोर्ट -महेंद्र त्रिपाठी

अयोध्या- फैज़ाबाद कचहरी सीरियल विस्फोट मामले में विशेष अदालत की ओर से सुनाए गए फैसले से असंतुष्ट अधिवक्ताओं ने आज बार एसोसिएशन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया। निर्णय लिया कि विशेष अदालत की ओर से कचहरी सीरियल विस्फोट कांड के आरोपियों के खिलाफ सुनाई गई सजा पर्याप्त नहीं है इससे अधिवक्ता संतुष्ट नहीं है आरोपियों को कम से कम फांसी की सजा होनी चाहिए थी।

बार एसोसिएशन ने निर्णय लिया कि आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए एसोसिएशन उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक कानूनी लड़ाई लड़ेगा और इस कानूनी लड़ाई का पूरा खर्च बार एसोसिएशन की ओर से वहन किया जाएगा। अधिवक्ताओं में सीरियल ब्लास्ट मामले के एक आरोपी सज्जाद उर रहमान के निर्दोष बरी होने का भी गुस्सा दिखा।

सरकार के फैसले को लेकर आक्रोशित अधिवक्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया और पूरे कचहरी परिसर में घूम घूम कर नारेबाजी की।मंडल कारागार स्थित विशेष अदालत ने शुक्रवार को दूसरी पहर वर्ष 2007 के 23 नवंबर को फैजाबाद कचहरी में हुए सीरियल बम धमाके मामले में सजा सुनाई थी।इसी दिन प्रदेश की वाराणसी और लखनऊ कचहरी में भी सीरियल बम धमाका हुआ था।

विशेष अदालत में सीरियल बम धमाके के आरोपियों में से सज्जाद उर रहमान को सबूतों के अभाव में निर्दोष करार दिया था जबकि दो अन्य आरोपियों मोहम्मद अख्तर उर्फ तारिक तथा तारिक काजमी को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद आज जिला कचहरी और अधिवक्ता कचहरी पहुंचे तो मामले पर गरमा गरम चर्चा शुरू हुई। अधिवक्ताओं में कचहरी परिसर में हुए इस जघन्य हत्याकांड में अदालत की ओर से सुनाई गई सजा को नाकाफी करार दिया।

तमाम अधिवक्ताओं का तर्क था कि ऐसे ही प्रकरण में राजस्थान के जयपुर की अदालत में सभी आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है जबकि यहां केवल उम्रकैद दी गई है। कचहरी में वह सीरियल धमाके की याद कर आज भी अधिवक्ता और बात कारी पीहर पाते हैं सबके जीवन में वह पुरानी रक्तरंजित यादें ताजा हो जाती है। इस जघन्य मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता राधिका प्रसाद मिश्रा के साथ एक स्टांप वेंडर, एक मुंशी और एक बादकारी की मौत हो गई थी जबकि 26 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।

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बार एसोसिएशन के जिला मंत्री नवीन मिश्रा का कहना है कि अधिवक्ताओं के आक्रोश को देखते हुए बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है। अधिवक्ताओं को कचहरी सीरियल विस्फोट कांड मामले में आरोपियों की फांसी से कम सजा मंजूर नहीं है। बार एसोसिएशन आरोपियों को फांसी दिलाने के लिए हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ेगा और पूरा खर्चा वहन करेगा।

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