औरंगाबाद में 10 साल के नक्सली बच्‍चों ने की थी जवानों की हत्‍या

औरंगाबाद

बिहार। चंद दिनों पहले औरंगाबाद में हुए नक्सली हमले पर कई चौंकाने वाले सच सामने आये हैं। औरंगाबाद के डुमरी नाला के पास सोमवार को हुए ब्लास्ट को नक्सली दस्ते के 10 साल के बच्चों ने अंजाम दिया था। मुठभेड़ के बाद वापस लौटे सीआरपीएफ के जवानों ने पुलिस को यह बात बताई। पुलिस ने बच्चों की गिरफ्तारी के लिए अभियान तेज कर दिया है।

एसएसपी गया गरिमा मल्लिक ने इस बात को सही ठहराया और कहा पुलिस इसपर काम कर रही है। घटना तब हुई जब औरंगाबाद के एसपी बाबू राम को सूचना मिली थी कि डूमरी नाला के आसपास नक्सलियों का जमावड़ा लगा है। यहां बिहार, बंगाल, उड़ीसा, झारखंड और छत्तीसगढ़ के एरिया कमांडर मीटिंग के लिए जमा हुए हैं।

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नक्सलियों ने छिपने के सबसे सेफ जगह हों चुना था और वे ऊंचाई पर बैठे नक्सली कोबरा और पुलिस के मूवमेंट को असानी से देख रहे थे। वहीं, पहाड़ों के गलियारे से गुजर रहे जवान ऊपर की टोह नहीं ले पाए। नक्सलियों ने कई लेयर में आईईडी लगा रखा था। पुलिस के देखते ही आईईडी को एक्टिवेट करने की जिम्मेदारी नक्सलियों ने बाल-दस्ता को दिया था।

इस सूचना पर पुलिस कोबरा बटालियन के साथ लेकर नक्सलियों को घेरने के लिए आगे निकली। जवान यह नहीं समझ पाए कि वे नक्सलियों के जाल में फंस गए हैं। नक्सलियों ने भांप लिया कि कोबरा कमांडो पीछे से आ रहे हैं। उन्होंने डुमरी नाले के पास बिछी बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया और 10 जवानों को शहादत देनी पड़ी।

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