ओमप्रकाश राजभर की पार्टी पर छाए संकट के बादल, सियासी अटकलों पर होगी सबकी नजर

मंत्री पद गंवाने के बाद अब ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा पर भी संकट के बादल छाने लगे हैं। सियासी हलकों में उनकी पार्टी के विधायकों के भी बगावत कर भाजपा के पाले में जाने की चर्चा शुरू हो गई है।

ओमप्रकाश राजभर

इन चर्चाओं को ओमप्रकाश का वह बयान भी बल दे रहा है, जिसमें उन्होंने मंत्री पद से बर्खास्तगी के बाद कहा था कि जिसको जहां जाना है जाए, हम किसी को नहीं रोकेंगे।

दरअसल 2002 में गठित सुभासपा का पहली बार 2017 के विधानसभा चुनाव में खाता खुला था। पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर खुद पहली बार विधायक चुने गए थे। 2017 में भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा की 8 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली सुभासपा के चार विधायक चुने गए थे।

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