ऑनलाइन गेम से खेल की बदलती दुनिया

यूँ तो, आज कल ऑनलाइन गेमिंग का चलन दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। फिलहाल, डिजिटल सेक्टर में ऑनलाइन गेमिंग का यह व्यापार काफी जोरो-शोरो पर है और यह अबतक के सबसे तेजी से विकसित हो रहे सेक्टर्स में एक है। खास तौर से कोरोना काल के दुष्प्रभाव में लगने वाले लॉकडाउन की वजह से ऑनलाइन गेमिंग में काफी बढ़ोतरी हुई है। भारत में जिस तरह से ऑनलाइन गेमिंग के कारण स्मार्टफोन की मैन्युफैक्चरिंग में बढ़त हो रही है, इसके वजह से स्मार्टफोन यूजर की संख्या भी काफी बढ़ते जा रही है। 

ऐसे में देखा जाए तो, आने वाले वक़्त में भी ऑनलाइन गेमिंग का चलन भी उसी तेजी से बढ़ने की संभावना है। पर किसी भी गेमिंग प्लेटफार्म पर तो आप यूँ ही भरोसा नहीं करेंगे इसके लिए उस वेबसाइट या प्लेटफार्म का सही होना भी बेहद जरूरी है। जिस प्रकार किसी भी न्यूज़ चैनल पर भरोसा तब होता है जब वो वेबसाइट लोगों के सामने सच्चाई लाये। इसी तरह से दोस्तों, लोग उस गेम और वेबसाइट पर भरोसा करते है जो उन्हें कम शुल्क और कम समय में एक अच्छी – खासी धन राशि प्रदान करे जैसे की लॉटरी। दोस्तों, अब आप ये सोच रहे होंगे की खेल के बिच हमने लॉटरी की बात क्यों की, तो आपको ये बता दें कि खेल के क्षेत्र में लॉटरी ही एक ऐसी विशेष खेल है जो गेम्स को काफी इंटरेस्टिंग और प्रॉफिटेबल बनाए हुए है। जहाँ पर कम पैसा लगाकर भी लोग इतने पैसे कमा लेते हैं जितना एक आम आदमी जीवन भर भी नहीं कमा पाता। पर बात ये है की वो कौन सी वेबसाइट है जो आपको लॉटरी टिकट खरीदने और उस बेस्ट लॉटरी साइट को आजमाने भी दे। यानी की जहाँ पर आप लॉटरी से रिलेटेड सब कुछ जान सके और कम समय में ही अपने तजुर्बे और ट्रिक्स से एक जैकपॉट भी जीत सकें। लॉटरी से संबंधित इस तरह के टिप्स और ट्रिक्स के लिए आप ‘लॉटरी एन गो’ को फॉलो कर सकते हैं। यकीन मानिये दोस्तों आप खुद भी हैरान हो जायेंगे लॉटरी इस प्लेटफार्म पर लॉटरी से जुड़ें नायब टिप्स और ट्रिक्स देखकर। 

दोस्तों लॉटरी ने ऑनलाइन गेम की दुनिया का रूप काफी बदल दिया है। अगर, हम वर्ष 2019 को देखें तो वैश्विक बाजार का आकार ऑनलाइन गेम में 37.65अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़के वर्ष 2025 में 122.05अरब अमेरिकी डॉलर होने की पूरी सम्भावना है। घरेलू स्तर पर बात करें तो, 2016 में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग भारत में 543 लाख अमेरिकी डॉलर था तथा वर्ष 2020 में 18.6% की वार्षिक वृद्धि-दर से बढ़के 1.027 अरब अमेरिकी डॉलर तक हो गयी है। 2020 में ऑनलाइन गेमर्स की कुल संख्या 360 लाख के स्तर से बढ़के इस साल 510 लाख होने की पूरी सम्भावना है। इसी वृद्धि दर से वर्ष 2023 तक इसके 2 अरब अमेरिकी डॉलर तक होने की पूरी सम्भावना है।

वैसे तो, ऑनलाइन गेमिंग को लेकर भारत सरकार विभिन्न गेम्स को कैसिनो के तरह ही जुआ मानती है, इसी वजह से इसके ऊपर 18%-28% तक का जीएसटी लागू किया गया है। इसका प्रभाव पूरी तरह से ऑनलाइन गेमिंग के विकास के ऊपर पड़ रहा है। इसलिए, इस पूरी गेमिंग इंडस्ट्री को पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए कौन-कौन से जरूरी कार्य किये जा सकते हैं, यह जानना भी बेहद जरूरी है।

गेमिंग मार्केट के अनुसार विश्व में भारत को चतुर्थ स्थान प्राप्त है, पर, कोई भी बड़ा ऑनलाइन गेमिंग डेवेलपर फिलहाल भारत के पास नहीं है। गेमिंग के क्षेत्र में अमेरिकी तथा चीनी कंपनियों का ही आधिपत्य ज्यादा है। वैसे, वर्तमान समय में 400 से भी ज्यादा स्टार्टअप अब इस गेमिंग क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, लेकिन सरकार की भूमिका इस बढ़ोतरी में सबसे जरुरी है। 

यहाँ पर ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स की सबसे बड़ी फ़िक्र यह है कि इनपर 18% से ज्यादा टैक्स न बढ़ाया जाए। जिस भी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्म जहाँ पर लोग अपने पैसे लगाते हैं, उन सभी पर टैक्स लगने के वक़्त सरकार को पूरी तरह से यह ध्यान देना ही चाहिए कि इस प्लेटफार्म पर और कितना अधिक आर्थिक बोझ पड़ रहा है। अब तक के रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग के लिए, भारतीय मोदी सरकार, एक सिंगल टैक्स रेट पर सोच-विचार कर रही है, क्योंकि टैक्स श्रेणी के सही वर्गीकरण की कमी के कारण अस्पष्टता जन्म लेती है।

इस तरह के ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइट या प्लेटफार्म, जिनपर यूज़र को खेलने के लिए सब्सक्रिप्शन शुल्क देनी पड़ती है तथा जहाँ पर जीतने पर पुरस्कार की राशि भी दी जाती है, उसमें आर्थिक लेन-देन काफी जटिल होता है। किसी भी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर जितने भी खिलाड़ी “सब्सक्रिप्शन” लेते हैं, उन सभी के “सब्सक्रिप्शन” से जमा कुल धन के द्वारा ही पुरस्कारों का आवंटन किया जाता है। इस पूर्ण प्रक्रिया में ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को 4% से 20% तक की प्रॉफिट होती है। यानी की, अगर 10 ऑनलाइन गेमिंग के लिए खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन किया गया है तथा प्लेटफार्म ने 1000 रुपये जमा किये हो तो इसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की कुल कमाई कम-से-कम 40 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 200 रुपये ही होगा। शेष पैसों को जीतने वाले सभी खिलाड़ियों में बाँट दिए जाते है।

हालांकि, ऑनलाइन गेमिंग में कानूनी दांवपेच कई सारे है। अगर, सरकार जीएसटी के बारे में उनके परेशानियों का सामाधान नहीं करे, तो इसका पूराप्रभाव ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के उन्नति व विकास पर ही पड़ेगा। इस संदर्भ में “AIGF” तथा “EY” की मुख्य व नवीनतम रिपोर्ट में कई बातें बताई गई हैं। जैसे की :

  1. सरकार 4%-20% की रैक फी (ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को मिलने वाली) पर ही जीएसटी लागू करे।
  2. “डीम्ड क्रेडिट मॉडल” का सहारा लेना चाहिए। यानी की, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के पेआउट्स तथा स्टेक की हिसाब की जाए। इसका अर्थ है, किसी भी कंपनी के सभी प्लेयर्स द्वारा जमा किये गए कुल “सब्सक्रिप्शन फी” अथवा “एंट्री फी” के कुल शुल्क तथा इनाम में दी जाने वाली कुल धन राशि का हिसाब किया जाए। इन दोनों में जो मुख्य अंतर होगा वही कंपनी का प्रॉफिट होगा तथा उसके ऊपर ही टैक्स भी लगेगा।
  3. एक जीएसटी पूर्ण स्टेक पर लागू तो की जाती है लेकिन उसकी दर बहुत कम ही रखी जाए, इसबात का ख़ास ध्यान रखा जाता है। मुख्य रिपोर्ट में  1.8% जीएसटी पूरे स्टेक पर लगने की शर्त रखी गयी है। इसमें तीसरे सुझाव और गणना के अनुसार से ज्यादा आसान है कि एक बार में ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को जितनी भी “एंट्री फी” मिले, सब पर ही जीएसटी लागू हो।

निष्कर्ष :

दोस्तों, आज के इस पोस्ट में मैंने यहाँ पर कई ऐसे ऑनलाइन वेबसाइट्स यानी की प्लेटफार्म से जुड़ें बातों के बारे में बताया है जो आपको यह बताती है की ऑनलाइन गेम से खेल की बदलती दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा भी सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्म के ऊपर कितना टैक्स लगाया है इसके बारे में भी हमने आपको बताया। दोस्तों, आशा करता हूँ, इस पोस्ट में बताए गए सभी डेटा तथा डिटेल्स आप सभी अच्छी तरह से समझ गए होंगे। अगर अब भी इस पोस्ट से जुड़ा किसी भी तरह का कोई भी सवाल आपके मन में है तो निचे दिए गए कमेंट सेक्शन में हमसे जरूर पूछें। हम इसका समाधान जरूर करेंगे।

LIVE TV