एयर इंडिया के विशेष विमान से 263 भारतीय छात्रों की हुई इटली से घरवापसी

क्इषटली में कोरोना का कहर ऐसा हुआ कि लगभग पूरा देश इस वक्त लॉकडाउन हो चुका है. ऐसी स्थिति में वहां रह रहे भारतीय छात्रों की एयर इंडिया के विशेष विमान ने की घरवापसी हुई है. आपको बता दें कि एयर इंडिया (Air India) के विशेष विमान से रविवार को रोम (Rome) से 263 भारतीय छात्र दिल्ली लाए गए. सभी को आईटीबीपी (ITBP) की निगरानी में छावला सेंटर में रखा गया है.

इटली

इस मामले पर स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि करीब 1600 भारतीयों और दूसरे देशों के नागरिकों को मिलाकर करीब 1700 लोगों को हम अपने क्वारंटाइन सेंटर में सेवाएं दे चुके हैं.

इटली में एक दिन में मरे 793 लोग
इटली में एक दिन में रिकॉर्ड 793 लोगों की मौत हुई है. इस खतरनाक संक्रमण से दुनिया भर में अब तक 12000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि ढाई लाख लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. इटली में शुक्रवार से 1420 लोगों की मौत हो चुकी है और कोरोना वायरस को रोकने के तमाम सरकारी उपायों के बीच संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. इससे देश में इस घातक विषाणु से मृतकों की कुल संख्या 4825 हो गई है जो पूरी दुनिया में इस बीमारी से हुई मौत का 38.3 फीसदी है. कोविड-19 संक्रमण की संख्या 53578 हो गई है जो एक और रिकॉर्ड है. मिलान पास उत्तर लोमबार्डी में मृतकों की संख्या तीन हजार से अधिक हो गई है. यह इटली में मरने वालों की कुल संख्या का करीब दो तिहाई है.

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शवों को दफनाने की समस्या
चीन के बाद कोरोना वायरस का नया गढ़ बन चुके इटली में हालात बेकाबू हो गए हैं. यहां बर्गमो प्रांत में तो हालात इतने भयावह हैं कि कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार करने में भी संघर्षों का सामना करना पड़ रहा है. यहां केवल दो सप्ताह में ही एक पूरी पीढ़ी अपनी जान से हाथ धो बैठी है. हालात इतने भयावह हैं कि स्थानीय लोगों का कहना है कि यह रुला देने वाला है. द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, बर्गमो प्रांत में लाशों को दफनाने में ही काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां के चर्चो में ऐसे ताबूतों की लाइनें लगी हैं, जिनमें संक्रमण से मरने वालों की लाशों को दफनाया जाना है. इस वजह से लोगों को लाश अपने घरों में ही कई दिनों तक रखनी पड़ रही है. इसकी वजह है कि कोरोना वायरस महामारी की मार झेल रहे इस इतावली प्रांत में अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी संभालने वाली कंपनियों की कार्यप्रणाली चरमरा गई है

 

अंतिम संस्कार में सेना की मदद
इटली में अब तक वायरस की वजह से तीन हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. बेहद कम समय में काफी लोगों की मौत हो जाने की वजह से लाशों को बिना किसी संस्कार या समारोह के दफनाया जा रहा है. लोम्बार्डी क्षेत्र में पड़ने वाले इस प्रांत में 12 लाख लोग रहते हैं और यहां केवल इसी इलाके से ही दो हजार से अधिक संक्रमित लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इसके अलावा इस क्षेत्र में 4,300 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव हैं. यहां स्थिति इस कदर बेकाबू हो गई है कि लाशों को दफनाने में भी सेना की मदद लेनी पड़ रही है. यहां बुधवार की रात सेना को कब्रिस्तान में विभिन्न स्थानों से 65 ताबूतों को स्थानांतरित करने के लिए काम पर लगाना पड़ा. क्षेत्र में अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी संभालने वाली सीएफबी एक मार्च से लगभग 600 लोगों को दफना चुकी है.

 

 

ताबूतों की भारी कमी
सीएफबी के अध्यक्ष एंटोनियो रिकियार्डी ने कहा, ‘हम सामान्य तौर पर एक सामान्य महीने में लगभग 120 लोगों का अंतिम संस्कार कराते हैं. मगर अब केवल दो सप्ताह में ही एक पूरी पीढ़ी अपनी जान से हाथ धो बैठी है. हमने इससे पहले ऐसा कुछ नहीं देखा. यह वाकई रुला देने वाला अहसास है.’ बर्गमो में अंतिम संस्कार कराने वाली लगभग 80 कंपनियां हैं, जिनमें से प्रत्येक कंपनी को एक घंटे में दर्जनों कॉल आ रही हैं. कोरोना के बढ़ते प्रकोप से आलम यह है कि इलाके में दफनाने के लिए ताबूतों की भी कमी पड़ गई है. इसके अलावा अंतिम संस्कार कराने वाले कर्मचारियों के सामने भी संक्रमित होने का खतरा है.

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