44 रूपए के लिए महिला ने दो साल तक लड़ा केस, दिग्गज कंपनी को किया झुकने पर मजबूर

एयरटेल को चुनौतीनई दिली। दूरसंचार सर्विस प्रोवाइडर कंपनी एयरटेल को मात्र 44.50 पैसे इतने भारी पड़े कि उन्हें कोर्ट की चौखट पर सिर झुकाने को मजबूर होना पड़ गया। बता दें एयरटेल को चुनौती देने का काम देश की एक महिला ने दिया। साथ ही कंपनी को झुकने पर मजबूर भी कर दिया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कंपनी को महिला (अंजना ब्रह्मभट्ट) की रकम हर्जाने के साथ देने का आदेश दिया।

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दरअसल मामला पाटीदार आंदोलन 2015 के दौरान का है जब प्रशासन के आदेश पर शहर में 10 दिन तक इंटरनेट सेवा बंद की गई थी।

वहीं अंजना ने 5 अगस्त 2015 के दिन 2 जीबी का इंटरनेट पैक लिया था जिसकी वैलिडिटी 28 दिन थी, लेकिन पूरे शहर में 26 अगस्त से 4 सितंबर तक इंटरनेट सेवा बहाल थी।

इस दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए ही अंजना ने कंपनी के खिलाफ आवाज उठाई। अंजना ने अपने इंटरनेट पैक की वैलिडिटी को 8 दिन तक बढ़ाने या फिर 44.50 रुपए रिटर्न करने के लिए कहा था लेकिन कंपनी द्वारा उन्हें बार बार मना किया जा रहा था।

जिसके बाद वह उपभोक्ता फोरम के पास मदद मांगने गई। कोर्ट में एयरटेल की तरफ से पेश वकील ने अपनी सफाई में कहा कि यह बहाली सरकार के आदेश पर की गई थी।

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वहीं यह तर्क भी दिया कि यह केस उपभोक्ता अदालत में दर्ज नहीं होना चाहिए था। जिसके बाद उपभोक्ता अदालत ने कंपनी को महिला को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 12 प्रतिशत ब्याज समेत  55.18 देने का आदेश दिया।

यह वाकया देखने और सुनने में भले ही मूर्खतापूर्ण लगे, लेकिन कहीं न कहीं बदलाव की शुरुआत यहीं से होती है। बड़े बदलाव के लिए एक छोटा कदम ही नीव को मजबूती देता है और हमें अपने अधिकारों में लड़ने की सीख भी देता है।

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