
भोपाल| मध्य प्रदेश में लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदी) को मिलने वाली सम्मान निधि (पेंशन) पर लगाई गई अस्थायी रोक के बाद आंदोलन की तैयारी जोर पकड़ने लगी है। मीसाबंदी 10 जनवरी को संभागीय मुख्यालयों पर अपने नाती-पोतों के साथ धरना देंगे।
राजधानी में शुक्रवार को मीसाबंदियों की बैठक हुई। इस बैठक में पहुंचे मीसाबंदियों ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाए। कई मीसाबंदियों ने पेंशन के बंद होने से आने वाली समस्याओं का जिक्र किया। कई बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनका जीवन इसी पेंशन से चल रहा है।
लोकतंत्र सेनानी संघ के तपन भौमिक ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार के फैसले के खिलाफ मीसाबंदी सड़क पर उतरेंगे। छह जनवरी से आंदोलन की शुरुआत होगी। 10 जनवरी को संभागीय मुख्यालयों पर मीसाबंदी अपने नाती-पोतों के साथ धरना देंगे और जिलाधिकारियों को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
मीसाबंदियों को आंदोलन के ऐलान पर सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जो ऐलान किया है, उस पर अमल हो रहा है। मीसाबंदी तो आरोपी थे, इसलिए जेल गए थे। उन्हें पेंशन किस बात की? इस पेंशन से सरकार पर बोझ भी पड़ रहा था।
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दरअसल, राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि लोकतंत्र सेनानियों को दी जा रही पेंशन के भुगतान की वर्तमान प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण किया जाएगा, तब तक इस पेंशन के भुगतान पर रोक लगाई गई है। सवाल उठ रहा है कि यह प्रक्रिया कब शुरू होगी और कब तक पूरी कर ली जाएगी।