एनसीसी रैली में बोले प्रधानमंत्री मोदी- ‘हम छेड़ते नहीं और छेड़ने पर छोड़ते भी नहीं’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एनसीसी रैली में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री ने एनसीसी कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा, ‘जब भी मैं आपके साथ बातचीत करने के लिए आता हूं तो अतीत की कई यादें उभर आती हैं।
यह दिन जो आज आप जी रहे हैं, मुझे भी इन क्षणों को जीने को मिला है।’ इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सेना ने स्पष्ट संदेश दिया है कि हम छेड़ते नहीं हैं लेकिन छेड़ने पर छोड़ते भी नहीं हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमारी सेना ने ये स्पष्ट संदेश दिया है कि हम छेड़ते नहीं है लेकिन किसी ने हमें छेड़ा तो हम छोड़ते भी नहीं हैं। हम शांति के प्रबल समर्थक हैं लेकिन राष्ट्र रक्षा में हम कोई भी कदम उठाने से चूकेंगे नहीं। यही कारण है कि बीते साढ़े चार वर्षों में देश की रक्षा और सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।’
‘भारत के पास जल, थल, नभ से हमला करने की क्षमता’
पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हुआ है, जिसके पास जल, थल और नभ से परमाणु हमले और आत्मरक्षा करने की क्षमता है। इसके अलावा दशकों से लटके पड़े लड़ाकू विमानों और आधुनिक तोपों से से जुड़े समझौतों को जमीन पर उतारा गया है। देश में भी मिसाइल से लेकर, टैंक, गोलाबारूद और हेलिकॉप्टर बनाए जा रहे हैं।
‘खेतों की पंगडंडियों पर संतुलन साधते हुए हिमा दास पहुंची इस स्तर पर’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘नॉर्थ ईस्ट डायरेक्टर की कैडेट हिमा दास को तो आज दुनिया गौरवपूर्ण रूप से जानने लगी है। धान के खेतों पर दौड़ते-दौड़ते, खेतों की पगडंडियों पर संतुलन साधते हुए हिमा दास आज इस स्तर पर पहुंची हैं।
अभाव को अवसर बनाते हुए हिमा ने पहले जूनियर ऐथलिटिक्स चैंपियनशिप में, फिर एशियाई खेलों में देश को गौरवान्वित किया है। ऐसी युवा प्रतिभाओं को जब मैं देखता हूं, जब मिलता हूं तो भरोसा तो मजबूत होता ही है, इस भरोसे को और सशक्त करने की ऊर्जा मिलती है।’
केरल बाढ़ के दौरान मदद के लिए कैडेट्स की तारीफ
पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले वर्ष जब मैं आपके बीच आया था तो मैंने आपसे आग्रह किया था, देश और समाज से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों में सक्रिय योगदान के लिए आपसे अपील की थी। बीते वर्ष एनसीसी के कैडेट्स ने अनेक महत्वपूर्ण कदमों के साथ खुद को जोड़ा।
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विशेष तौर पर केरल में आई बाढ़ के बाद राहत और बचाव कार्यों में एनसीसी के कैडेट्स का योगदान बहुत सराहनीय है। सहयोग और समर्पण का जो पाठ आपने यहां सीखा है, उसे आपने केरल में अमल में लाया।’