एनकाउंटर में ढेर हुआ गिरधारी, जानिए क्यों अपराध की दुनिया में डॉक्टर के नाम से था मशहूर

बीते 5 जनवरी को राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके विभूतिखंड में हुए गैंगवार के बाद प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे। इस हत्याकांड में मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख और हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। रविवार को देर रात पुलिस ने इस गैंगवार में शामिल गिरधारी उर्फ डॉक्टर को मार गिराया है।

गिरधारी को लेकर कहा जाता है कि वह दोनों ही हाथों से असलहा चलाने में माहिर था। इसी के साथ वह शरीर के उन हिस्से में गोली मारता था जहां गोली लगने के बाद तुरंत मौत हो जाती है। इसी के चलते उसका नाम डॉक्टर पड़ा था। भले ही उसका असली नाम गिरधारी विश्वकर्मा था। लेकिन अपराध की दुनिया में उसके कई और नामों की भी चर्चा अक्सर रहती थी। लोग उसे गिरधारी लोहार, डॉक्टर, टग्गर, डीएम, रॉबिनहुड के नाम से भी जानते थे। गिरधारी का निशाना अचूक था और वह सुपारी लेकर हत्याकांड को अंजाम देता था। 30 दिसंबर 2019 को वाराणसी के सदर तहसील परिसर में दिनदहाड़े ठेकेदार नीतीश सिंह की हत्या के बाद ही गिरधारी का नाम प्रदेश के बड़े अपराधियों में शुमार हुआ था।

राजधानी में हुए हत्याकांड के बाद पुलिस सरगर्मी से गिरधारी की तलाश में जुटी थी। हालांकि 11 जनवरी को फिल्मी स्टाइल में उसे दिल्ली पुलिस ने रोहिणी इलाके से गिरफ्तार किया था। हालांकि माना जा रहा था कि गिरधारी ने सरेंडर किया है और अपने आका के कहने पर गिरधारी दिल्ली में गिरफ्तार हुआ था।

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