चीन की शह पर पाकिस्तान ने रची भारत को मात देने की साजिश!

एनएसजी की सदस्यतानई दिल्ली। भले ही भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाख प्रयासों के बाद और चीन के विरोध के चलते एनएसजी की सदस्यता न मिल पाई हो, लेकिन अब इसके पड़ोसी देश पाकिस्तान ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए जोरदार आवाज उठाई है।

बीते दिनों चीन ने भारत को आश्वाशन दिया था कि उसे निराश होने की जरूरत नहीं है अभी भारत के लिए एनएसजी के दरवाजे खुले हुए हैं। लेकिन पाक और चीन की दोस्ती को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि यह सब कूटनीतिक चाल के तहत किया जा रहा है।

पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि उसने परमाणु सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जो अनुकरणीय उपाय किए हैं।

एनएसजी की सदस्यता 48 देशों के पास

वे उसकी सदस्यता की पात्रता को प्रमाणित करते हैं। एनएसजी 48 देशों की संस्था है जो वैश्विक परमाणु प्रौद्योगिकी को नियंत्रित करती है।

डॉन ऑनलाइन की गुरुवार की खबर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि एनएसजी की सदस्यता के विस्तार के लिए बगैर भेदभाव के, मानदंड आधारित रुख का पालन किया जाएगा ताकि परमाणु अप्रसार की व्यवस्था मजबूत हो।

जनसंहार के हथियारों के अप्रसार पर लोधी ने कहा कि पाकिस्तान ने व्यापक रूप से निर्यात नियंत्रण व्यवस्था को लागू किया है, उसने परमाणु सुरक्षा सम्मेलन प्रक्रिया में भाग लिया है और परमाणु सामग्री की भौतिक रक्षा करार संशोधन 2005 को अंगीकार किया है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने और परमाणु परीक्षण पर रोक की एकतरफा घोषणा की है। साथ ही दोहराया कि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण नहीं करने के लिए भारत के साथ द्विपक्षीय करार करने का इच्छुक है। यह सब कुछ एनएसजी की सदस्यता की पात्रता को स्थापित करता है।
मलीहा ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘भेदभाव छोड़ने’ की व्यवस्था देना परमाणु अप्रसार मानदंडों को चुनौती है जो ‘दोहरे मानदंड’ को दर्शाता है और ऐसे पदार्थो को शांतिपूर्ण उपयोग से सैन्य उपयोग में मोड़ने की संभावना खोलता है। उल्लेखनीय है कि भारत का अमेरिका सहित कई देशों से परमाणु सामग्री आपूर्ति के लिए करार हुआ है।

बता दें कि भारत और पाकिस्तान दोनों ऐसे देश हैं जिन्होंने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और दोनों 48 सदस्यीय अंतर्राष्ट्रीय परमाणु व्यापार को नियंत्रित करने वाले इस समूह की सदस्यता चाहते हैं। पिछली बैठक में भारत के एनएसजी में शामिल होने के प्रयास का चीन सहित कम से कम 10 देशों ने विरोध किया था।

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