एक ही पेड़ पर लटकते हैं 121 वैरायटी के आम, जानिये कैसे हुआ ये संभव

आज भी जब आम की बात होती है तो आम के वेराइटी की बात जरूर होती है। कई ‘लंगड़ा’ के गुणगान करते हैं तो कई ‘दशहरी’ या ‘चौसा’ की मिठास के कायल होते हैं। अलग अलग शहरों के आम की अपनी खासियत है, पर एक जगह उपलब्धता नहीं होने से लोग हर आम का स्वाद नहीं चख पाते हैं। लेकिन अगर आपको कोई ये कहे कि एक आम का पेड़ ऐसा है जिस पर 121 वेराइटी के आम उगते हैं, तो आप उसकी बात का यकीन नहीं करेंगे। लेकिन, ऐसा हकीकत में है।

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में आम का एक ऐसा पेड़ है, जिस पर 121 किस्म के आम उगते हैं। एक ही पेड़ में 121 तरह के आम देखकर लोग हैरान हो गए हैं। आलम ये है कि इस पेड़ को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ रहा है। ऐसे में ज़ाहिर है आप भी ये जानने के लिए उत्सुक होंगे कि आखिर ये संभव कैसे हुआ। दरअसल, सहारनपुर में जिस आम के पेड़ ने इतनी सुर्खियां बटोरी हैं उसके पौधे को खास तरीके से तैयार किया गया है। इसे तैयार करने में करीब 5 साल का वक्त लगा है और अब इस एक पौधे पर अलग अलग किस्म के पौधे आने लगे हैं। आम के लिए पहचाने जाने वाले सहारनपुर के कंपनी बाग इलाके में ये खास पौधा लगाया गया है। वैसे तो ये पौधा 15 साल का हो गया है, लेकिन तकरीबन 5 साल पहले हॉर्टिकल्चरिस्ट इस पर एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं, जिससे नई तरह की वैरायटी तैयार की जा सके।

एएनआई की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, बागवानी एवं प्रशिक्षण केंद्र के जॉइंट डायरेक्टर भानु प्रकाश राम ने बताया कि कंपनी के बाग में करीब पांच साल पहले ये अनूठा एक्सपेरिमेंट किया गया था। इस प्रयोग का मकसद आम की नई वेराइटीज पर रिसर्च करना था। इससे पहले भी सहारनपुर में आम और दूसरे फलों पर कई एक्सपेरिमेंट किए जाते रहे हैं। इस पेड़ पर दशहरी, लंगड़ा, रामकेला, चौंसा, आम्रपाली, सहारनपुर अरुण, सहारनपुर वरुण, सहारनपुर सौरभ, सहारनपुर गौरव, सहारनपुर राजीव, लखनऊ सफेदा, समेत 121 किस्म के आम पाए जाते हैं। कई नई प्रजातियों पर भी काम चल रहा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि, कई नई वैरायटी इस पर काम चल रहा है ताकि और बेहतर उत्पादन किया जा सके।

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