एक बार फिर जेट एयरवेज खतरे में , नहीं जमा किया गया अभी तक रूचि पत्र…

भारत की सबसे बड़ी जेट एयरवेज आज कल मंदी के दौर से गुजर रहा हैं बतादें की कारोबारी दुनिया में कारोबार का स्तर घटता हुआ नज़र आ रहा हैं.वहीं देखा जाये तो 31 अगस्त को जेट एयरवेज के लिए ईओआई जमा करने की आखिरी तारीख थी. लेकिन इस तारीख को नई कंपनी या कारोबारी की ओर से कोई भी ईओआई नहीं जमा कराया गया हैं.

 

 

 

 

वहीं ऐसे में अब सिर्फ तीन कंपनियां जेट एयरवेज के अधिग्रहण की दौड़ में हैं. ये तीन कंपनियां- रूसी कोष ट्रेजरी आरए पार्टनर्स, पनामा की निवेश कंपनी अवान्तुलो ग्रुप और दक्षिण अमेरिकी समूह सायनर्जी ग्रुप कॉर्प हैं. इन तीनों कंपनियों ने शुरुआती दिनों में ही रुचि पत्र दाखिल कर दी थीं.

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खबरों के मुताबिक दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही जेट एयरवेज के अधिग्रहण के लिए रुचि पत्र जमा कराने की तीन बार डेडलाइन बढ़ाई जा चुकी है. पहली बार जेट एयरवेज की ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने 3 अगस्‍त को जबकि दूसरी बार 10 अगस्त को समयसीमा बढ़ाई थी. वहीं 26 अगस्त को एक बार फिर 31 अगस्‍त तक के लिए रुचि पत्र जमा कराने की तिथि आगे बढ़ाई थी.

लेकिन अब इसके लिए समयसीमा और बढ़ाए जाने की संभावना नहीं है. ऐसे में पहले ही रुचि पत्र जमा कराने वाली कंपनियों के साथ जेट की बिक्री पर आगे बढ़ा जाएगा.

दरअसल भारी कर्ज की वजह से जेट एयरवेज के विमान ने बीते 17 अप्रैल से उड़ान नहीं भरी है. वहीं जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने मार्च में ही चेयरमैन पद से इस्‍तीफा दे दिया था. वित्तीय अनियमितताओं की वजह से नरेश गोयल फिलहाल कानूनी शिकंजे में हैं. बता दें कि जेट एयरवेज पर 25 हजार करोड़ से अधिक की देनदारियां हैं.

 

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