एंटी स्मॉग गन दिल्ली के लिए कारगर नहीं : सीपीसीबी

एंटी स्मॉग गननई दिल्ली। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली में एंटी स्मॉग गन के ट्रायल को पूर्णतया विफल करार दिया है। साथ ही इसे दिल्ली जैसे शहर के लिए अनुपयोगी भी बताया है। सीपीसीबी ने तो इसे गन नहीं बल्कि पानी छिड़कने की मशीन का नाम दिया है।

सीपीसीबी के अपर निदेशक डॉ. डी साहा और वरिष्ठ विज्ञानी अभिजीत पाठक ने बृहस्पतिवार को इस ट्रायल पर संक्षिप्त रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में पानी छिड़कने की यह मशीन एक डीजल ट्रक पर तेज चलने वाले पंखे की मदद से काम करती है। मशीन के साथ दो हजार लीटर का टैंक भी लगा है। इस टैंक को पानी की लाइन से जोड़ना पडता है। मशीन 360 डिग्री पर घूमते हुए छिड़काव करती है, लेकिन इसे घुमाना मैन्यूल पड़ता है।

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इस रिपोर्ट के मुताबिक यह मशीन खदानों, स्टोन क्रेशर, सीमेंट उद्योग एवं अन्य औद्योगिक धूल के लिए कारगर है, लेकिन दिल्ली जैसे शहर के स्मॉग व पीएम 2.5 को कम करने के लिए अधिक फायदेमंद नहीं है। इससे निकलने वाली बूंदे हवा में बहुत कम देर तक रहती हैं जिसकी वजह से वह प्रदूषण तत्वों को साफ नहीं कर पाती, जबकि जमीन अधिक गीली होती है। इससे छिड़काव की तरह का काम होता है। इसके अलावा इस मशीन के ट्रायल की जगह भी उचित नहीं थी। गन से पानी की बौछारें एयर क्वालिटी सेंटर के इक्यूपमेंट्स तक पर डाली गई जिसकी वजह से इन उपकरणों पर सीधा असर होता है।

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रिपोर्ट के मुताबिक इस गन से 0.03 स्क्वायर किलोमीटर का एरिया कवर हो रहा है। ऐसे में 1484 स्क्वायर किलोमीटर को कवर करने के लिए करीब 50,000 गन की जरूरत होगी। इसके अलावा यह गन एक घंटे में 6000 लीटर पानी का इस्तेमाल करती है। ऐसे में मशीन में पानी का प्रयोग काफी अधिक हो रहा है। इसलिए इस तरह की मशीन को अपनाने से पूर्व इसकी तकनीकी और आर्थिक संभावनाओं का आकलन भी बहुत अधिक जरूरी है।

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