16 को अयोध्या जाएंगे उद्धव ठाकरे, साथ में होंगे कुछ सासंद

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 16 जून को अपने सभी 18 सांसदों के साथ रामनगरी अयोध्या पहुंच रहे हैं। वे रामलला का दर्शन पूजन करने के साथ ही कुछ संतों से मुलाकात भी कर सकते हैं। वहीं इससे एक दिन पूर्व 15 जून को महंत नृत्य गोपाल दास जी के जन्मोत्सव समारोह में संत सम्मेलन का भी आयोजन किया गया है। जिसमें देश भर के साधु-संत राम मंदिर निर्माण पर भी चर्चा करेंगे।

इस बीच शिवसेना प्रमुख के आगमन को लेकर हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे के आगमन से कहीं ना कहीं राम मंदिर निर्माण को लेकर सरगर्मी बढ़ेगी। वहीं उद्धव ठाकरे के अयोध्या आगमन पर राममंदिर से जुड़े पक्षकारों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। हिंदू पक्ष ने जहां उद्धव ठाकरे का स्वागत किया है तो वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि उद्धव ठाकरे अपनी राजनीति चमकाने आ रहे हैं।

जो मंदिर की बात करे उसका स्वागत

हिंदू पक्षकार महंत धर्मदास ने कहा कि अयोध्या धर्म नगरी है यहां जो आता है उसका हम स्वागत करेंगे। कहा कि शिवसेना प्रमुख राम मंदिर निर्माण के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं इसलिए राम नगरी में उनका स्वागत है। जो भी राम मंदिर की बात करेगा हम उसका सम्मान करेंगे। अयोध्या में जो जिस तरीके का भाव लेकर आता है उसे उसी तरीके का फल मिलता है।

रामजी को मानने वालों का स्वागत
निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास ने भी उद्धव ठाकरे के अयोध्या आगमन पर प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि राम जी को मानने वालों का राम नगरी में स्वागत है। शिवसेना राम मंदिर निर्माण की बात करती है इसलिए उसका कोई विरोध नहीं है। अयोध्या राम की नगरी है यहां दर्शन पूजन के उद्देश्य से कोई भी आ सकता है।

संसद शुरू नहीं, मंदिर पर राजनीति शुरू

मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने उद्धव के दौरे को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि अयोध्या राजनीतिक का अड्डा नहीं है नेता यहां केवल राजनीति करने आते हैं। अभी संसद शुरू नहीं हुई लेकिन मंदिर पर राजनीति शुरू हो गई। अयोध्या को गर्म करना पूरे देश को गर्म करना है। कहा कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट अपना काम कर रहा है, दोनों पक्षों को कोर्ट के निर्णय का इंतजार करना चाहिए।

राजनीति चमकाने आ रहे उद्धव
मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने भी उद्धव के आगमन को महज राजनीतिक स्टंट बताया। कहा कि वह अयोध्या दर्शन-पूजन के बहाने अपनी राजनीति चमकाने आ रहे हैं। उनके आगमन से मुस्लिम पक्ष का कोई लेनादेना नहीं है जो भी करना है कोर्ट करेगा। हम बस चाहते हैं कि अयोध्या में अमन-चैन और शांति कायम रहे।

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