उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने किया जेल का निरीक्षण, कही ये बात

रिपोर्ट : विकास सौलोमन

कानपुर – रोजाना महिलाओं और बच्चियों से हो रहे बलात्कार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हैदराबाद में हुई डॉ प्रियंका की निर्मम हत्या के बाद अब तक संभल, मैनपुरी, उन्नाव क्षेत्रों में भी महिला हिंसा की घटना सामने आ चुकी है।

निर्भया कांड के बाद कानून तो बहुत बने फासट्रक कानून बनाया गया पर आरोपियों को समय के भीतर सजा नहीं दी गई जिसके कारण लोग घटनाओं को अंजाम देने से कतराते नहीं है। पार्लियामेंट में 6 महीने के अंदर सजा देने का प्रावधान बनाना चाहिए और आरोप सिद्ध होने पर तत्काल सजा देनी चाहिए जिससे लोगों में डर पैदा हो और समय सीमा कम होने के साथ ही दूसरों के लिए सबक भी बने।

सरकार के अलावा लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है बेटो को लिबर्टी ना दें बल्कि दोनों को अच्छे संस्कार के साथ एक समान समझे। जिससे अच्छे आचरण के साथ महिलाओं के प्रति सम्मान हो।

या बातें कानपुर जिला कारागार का निरीक्षण करने आई उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा विमला बाथम ने कहीं। जिला कारागार में बंद बंदियों से मिलने के बाद उन्होंने बताया कि कानपुर जेल बहुत छोटा है यहां पर 60 महिला बंदियों के लिए जगह है जबकि 98 महिला बंदी यहां है। बंदियों को लखनऊ में बने नारी बंदी ग्रह में शिफ्ट किया जाए क्योंकि वहां पर 400 की जगह है और लगभग 231 बंदियां कैद है।

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इसके अलावा कानपुर जेल की व्यवस्थाएं ठीक-ठाक है। यहां पर महिला बंदिओं को पुरुषो से अलग रखा जाता है और एक महिला कॉन्स्टेबल 24 घंटे निगरानी करती है। इसके अलावा अध्यक्ष आने जेल के भोजन कक्ष चिकित्सा हॉल और डॉक्टर व रसोई एसे बातचीत कर वहां की भोजन प्रणाली को भी परखा।

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