EVM पर केजरीवाल ने की सबसे बड़ी चूक, चुनाव आयोग नाराज, नतीजा भुगतेगा पूरा देश!

ईवीएम मशीन में गड़बड़ीनई दिल्ली। देश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव भले ही पूरे गए लेकिन विपक्षियों की ईवीएम मशीन में गड़बड़ी की बात अब सिर चढ़कर बोल रही है। पहले तो विपक्ष इस बात को लेकर केवल अपनी आशंका जाहिर कर रहा था। लेकिन भिंड में हुए बड़े खुलासे के जगजाहिर होने से सभी बढ़चढ़ कर इस मामले को बड़ा मुद्दा बनाने में लगे हुए हैं। ऐसे में दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चुनौती देने की ठान ली है। उनका दावा है कि जिन मशीनों में खामी पाई गई, वहीं मशीने यूपी चुनाव में इस्तेमाल की गई थीं।

ईवीएम मशीन में गड़बड़ी

प्रेस कांफ्रेस में केजरीवाल ने कहा, “ये मशीन बहुत बड़ा सवाल खड़ा करती है। सवाल ये है कि गोविंदनगर से ही मशीनें क्यों भेजी गई।”

केजरीवाल ने ईवीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि, पहले बटन दबाने पर बीजेपी की लाइट जलती है। लेकिन अब ऐसे चेंज किया गया है कि लाइट तो वही जलेगी लेकिन वोट बीजेपी को जाएगा। बड़ा अजीब सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जा रहा है।

केजरीवाल के मुताबिक, भिंड में पकड़ी गई ईवीएम मशीन टेम्पर्ड थी। उनका कहना है, “भिंड भेजी गई ईवीएम मशीन का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश के चुनाव में हुआ था। मुझे पता चला है कि चुनाव आयोग ने ये मान लिया गया है। जबकि कानून कहता है कि मशीनों को आप 45 दिन तक हटा नहीं सकते।”

केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा, “चुनाव आयोग पर सवाल खड़े होते हैं। चुनाव आयोग सॉफ्टवेयर का नाम बताए। हमने चिट्टी लिखी है कि हमारे पास सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट हैं जो आपको बता देंगे कि इसमें सॉफ्टवेयर कौन सा है। सॉफ्टवेयर में बग भी डाल दिया गया है।”

निष्पक्ष चुनावों की खातिर केजरीवाल ने एक बार फिर कहा कि पेपर बैलेट ही एक मात्र उपाय है। इसके अलावा केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चैलेंज किया है कि वो अपने अधिकारी की निगरानी में उन्हें ईवीएम दें।

अब देखना यह है कि केजरीवाल की यह बात क्या रंग लाती है। क्या वाकई में उनकी बातों में कुछ हकीकत है या सिर्फ हार का मलाल।

चुनाव आयोग केजरीवाल की इस चुनौती का क्या जवाब देगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन इस बात से कहीं न कहीं चुनावी पारदर्शिता पर संदेह पैदा हो रहा है।

इस बात से चुनाव आयोग ख़ासा नाराज है। आशंका जताई जा रही हैं कि यदि कहीं ईवीएम का इस्तेमाल बंद कर दिया गया तो इसका खामियाजा पूरे देश को उठाना पड़ सकता है। क्योंकि बैलेट पेपर के इस्तेमाल के दौरान होने वाली धांधली और गुंडई से सभी भली प्राकर से परिचित हैं।

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