ईएसएएफ माइक्रो, डीएफआईडी ने जीता समावेशी वित्तीय भारत पुरस्कार
नई दिल्ली| माइक्रोफाइनेंस संगठन ईएसएएफ, बेलस्टर इनवेस्ट एंड फाइनेंस, ल्यूपिन, तामलूक ब्लॉक महिला विकास सहकारी समिति, पश्चिम बंगा ग्रामीण बैंक, अनन्य फाइनेंस, नंदन नीलकेणी और डीएफआईडी (ब्रिटिश सरकार) ने सोमवार को यहां आयोजित 8वां वित्तीय समावेशन भारत पुरस्कार जीता। यह पुरस्कार देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए आठ श्रेणियों में दिया जाता है। इनमें माइक्रोफाइनेंस संस्था, एसएचजी को बढ़ावा देनेवाली संस्था, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक आदि श्रेणियों में विजेताओं का चयन किया जाता है।
साल का बड़ा माइक्रोफाइनेंस संगठन पुरस्कार ईएसएएफ को, साल के माइक्रोफाइनेंस संगठन पुरस्कार बेलस्टर इनवेस्टमेंट एंड फाइनेंस लिमिटेड को, एसएचपीआई (बड़ा) पुरस्कार ल्यूपिन, एसएचपीआई (छोटा) पुरस्कार तामलुक ब्लॉक महिला बिकास सहकारी सोसायटी को, स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक पुरस्कार पश्चिम बंगा ग्रामीण बैंक को, सक्षम संस्थान पुरस्कार अनन्या वित्त फॉर इंक्लूसिव ग्रोथ को, आजीवन योगदान पुरस्कार नंदन नीलेकणी को तथा जूरी विशेष पुरस्कार डीएफआईडी को दिया गया।
इस अवसर पर ग्रामीण इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चांदनी ओहरी ने कहा, “वित्तीय साक्षरता को व्यापक पैमाने फैलाने के उद्देश्य से इसे शुरू किया गया है।”
शिकागो विश्वविद्यालय के शोध वैज्ञानिक संतदर्शन साधु ने वित्तीय जागरूकता पर जोर देते हुए कहा, “शोध से पता चला है कि वित्तीय संचार के प्रयासों से व्यवहार में बदलाव आता है। बशर्ते वित्तीय साक्षरता साम्रग्री को सोच समझकर तैयार किया जाए, जिसमें ग्राहकों का अनुभव समाहित हो, साथ ही वह आसान भी हो।”
क्रिसिल फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माया वेंगुरलेकर ने वित्तीय साक्षरता विकसित करने के महत्व और लक्षित समूह के आधार पर संचार के चैनल विकसित करने पर जोर दिया।