इस बड़ी कंपनी ने किया रतन टाटा का अपमान, फिर टाटा ने ऐसे लिया बदला…

सफलता से बड़ा कोई बदला नहीं होता है, यह कहावत न सिर्फ सुनने में अच्छी है बल्कि निजी जिंदगी में इसके बहुत मायने हैं।

देश के उघोगपति रतन टाटा आज 81 साल के हो गए हैं उनके जन्मदिन पर आपको बताएंगे कैसे रतन टाटा ने बदले के घूंट को पीकर एक ऐसा मुकाम हासिल किया, जो इस बात का जीता जागता सबूत है।

रतन टाटा का अपमान

तो किस्सा सन् 1998 का है उस समय रतन टाटा ने अपनी कार इंडिका को लांच किया था।

जो उनका ड्रीम प्रोजेक्ट थी। हालांकि कार से जितनी उम्मीदें थी वो इस पर खरी नहीं उतरी और टाटा मोटर्स को भारी नुकसान हुआ। जिससे उभरने के लिए शेयरहोल्डर्स ने टाटा कंपनी के शेयर बेचने का सुक्षाव दिया।

कोई और चारा न होते हुए टाटा माटर्स को बेचने का प्रस्ताव लेकर रतन टाटा अमेरिका में फोर्ड मोटर के हेड ऑफिस पहुंच गए। उनके साथ उनकी कंपनी के कुछ शेयरहोल्डर्स भी पहुंचे।

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फोर्ड कंपनी के साथ रतन टाटा की तीन घंटे तक मीटिंग चली। जिसमें फोर्ड के चेयरमैन ने रतन टाटा से बदसलूकी की और कहा “जब तुम्हे इस बिजनेस की कोई जानकारी नहीं थी तो, तुमने इस कार को लांच करने में इतना पैसा क्यों लगा दिया?

खैर, हम तुम्हारी इस कंपनी को खरीदकर तुम पर अहसान कर रहे है.”।

रतन टाटा इस बात से परेशान हो गए, और मीटिंग को छोड़कर भारत लौट आए। इस मीटिंग के बाद उन्होंने टाटा मोटर्स को नहीं बेचने का फैसला किया। और उन्होंने एक बार फिर से इस कंपनी में मेहतन करन की ठानी, और इस बार कंपनी ने खूब तरक्की की । हालात यह रहे कि टाटा मोटर्स को लगातार मुनाफा होने लगा।
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