
इस बरसात के मौसम में घूमने का मन कर रहा है और बना रहे हैं प्लान तो आपको बता दें कि इस समय सबसे बेस्ट है वॉटरफॉल का नजारा. झरने आपके मन को न केवल शांत बनाता है बल्कि इसकी प्राकृतिक सौंदर्य भी आपको मनमोहित कर देगी. तो चलिए आपको बता देते हैं उन झरनों के बारे में जो आपकी वेकेशन को बना देगी यादगार.
जोग वॉटरफॉल, कर्नाटक
जोग प्रताप महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा पर शरावती नदी पर स्थित है. इसका जल 250 मीटर की उंचाई से गिरकर बड़ा सुंदर दृश्य उपस्थित करता है. इसका एक अन्य नाम जेरसप्पा भी है. इस वॉटरफॉल(जल प्रपात) की उंचाई 830 फीट है जो भारत का दूसरा सबसे ऊंचा वॉटरफॉलहै. इस फाल को यूनेस्को की ओर से दुनिया के सबसे अच्छे पर्यावरणीय स्थलों में से एक घोषित किया गया है.
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नोहकालीकाई वॉटरफॉल
चेरापूंजी के समीप नोहाकालीकाई वॉटरफॉल भारत का सबसे उंचा जल प्रपात है. इस जल प्रताप के पास स्थित खड़ी चट्टान से छलांग लगाने वाली स्थानीय लड़की का लिकाई के नाम पर इस जल प्रताप का नाम नोहकालीकाई पड़ा.
दूध सागर, गोवा
दूधसागर भारत का एकमात्र झरना है, जो दो राज्यों की सीमा पर स्थित है. गोवा-कर्नाटक बॉर्डर से मंडोवी नदी गुजरती है, जिस पर दूधसागर झरना स्थित है. पणजी से इसकी दूरी लगभग 60 किमी है. यहां मानसून के दौरान पर्यटकों का हुजूम उमड़ता है. दूधसागर झरने को ‘मिल्क ऑफ सी’ भी कहा जाता है.