आसिफा के बलात्कारियों के पक्ष में उतरे BJP के मंत्री, परिवार ने छोड़ा गांव!

जम्मू-कश्मीर। कठुआ जिले में आठ साल की बच्ची आसिफा के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या करने के मामले में अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस बाबत पूरे देश में क्रोध की लहर दौड़ रही है। लोग जगह-जगह सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, तो वहीँ कुछ रसूखदार, आरोपियों का बचाव करने मैदान में उतर गए हैं।

आसिफा

इन सब के बीच बड़ी खबर ये है कि कठुआ के रसाना गांव में रहने वाला आसिफा का पूरा परिवार डर के चलते गांव छोड़कर किसी दूसरी जगह पर चला गया है। उसके घर में ताला लगा हुआ है।

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पत्रकारों से बातचीत में आसिफा के पिता ने सीधे पीएम मोदी की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ‘उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की बात की थी, क्या यही है उनका नारा। बीजेपी के मंत्री हमारी बेटी के हत्यारों के साथ खड़े हैं और पीएम कुछ नहीं बोल रहे’।

आसिफा की मां ने कहा है कि उन्हें अपनी बेटी के लिए इंसाफ चाहिए और जैसे उसे मारा वैसे दोषियों को भी फांसी दो’। आसिफा की मां ने कहा कि ‘आसिफा के दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है। आसिफा की बहन का कहना है कि ‘अब उसे कहीं भी अकेले जाने में डर लग रहा है’।

गौरतल है कि 8 साल की आसिफा का शव 17 जनवरी को कठुआ के रसाना जंगलों से बरामद हुआ था। वह एक सप्ताह से लापता थी। जांच में पता चला कि उसके साथ बलात्कार हुआ है।

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इस पूरी घटना में सनज रामठे, उसके बेटे विशाल, सब इंपेक्टर आनंद दत्ता और दो स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स दीपक खजूरिया और सुरेंदर वर्मा, हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और परवेश कुमार पर हत्या, रेप और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया है।

आरोप है कि बच्ची खानाबदोश मुस्लिम समुदाय से थी। उसके कुनबे को हटाने के लिए यह साजिश रची गई थी। इसके लिए आरोपियों को काम पर लगाया गया था। बकरवाल समुदाय के लोगों में डर पैदा करने के लिए बच्ची के साथ जघन्य अपराध किया गया।

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