आशा, आस्था, उत्सुकता के साथ यूपी कांग्रेस को प्रियंका का इंतजार

लखनऊ। आशा, विश्वास और उत्सुकता के साथ उत्तर प्रदेश में प्रियंका के आगमन का इंतजार किया जा रहा है। माल एवेन्यू स्थित यहां कांग्रेस कार्यालय में पार्टी के वफादारों को अच्छे दिन का इंतजार है।

लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी को बतौर पार्टी महासचिव पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है।

कांग्रेस दफ्तर में शनिवार को 70वें गणतंत्र दिवस पर सैकड़ों लोग जुटे थे। दफ्तर का माहौल खुशनुमा और जोशपूर्ण था, लेकिन काफी सतर्कता की बातें हो रही थीं, क्योंकि पार्टी नेता बता रहे थे कि जब वे प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं, तो बहुत कुछ करना पड़ेगा।

चौदह किलोमीटर साइकिल चलाकर रोज दफ्तर पहुंचने वाले संगठन के सहायक स्थाई सचिव अनिल कुमार शर्मा के चेहरे पर खुशी थी। उन्होंने कहा कि सच बनाम झूठ के बीच लड़ाई में निर्णायक क्षण आ गया है।

उन्होंने कहा, “मोदी और भाजपा ने अपनी अहंकार की भाषा बोलकर लोगों को मूर्ख बनाया है और उन्होंने किया कुछ नहीं है। उनका कांग्रेस मुक्त भारत का नारा कभी कामयाब नहीं होगा। प्रियंकाजी सत्ताधारी पार्टी को निकाल बाहर करेंगी।”

राम अवतार पार्टी का कैंटीन चलाते हैं और वह दो साल से पार्टी दफ्तर परिसर में ही रहते हैं। अब उनकी उम्र 47 साल हो चुकी है। प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने से वह भी काफी खुश हैं। राम अवतार कहते हैं कि कुछ दिन पहले वह रोज 100 कप चाय बेचते थे, लेकिन इस घोषणा के बाद दफ्तर में लोगों की आवाजाही बढ़ जाने से अब उनकी चाय की बिक्री बढ़कर रोजाना 250 कप से अधिक हो गई है।

दफ्तर के चौकीदार ओम प्रकाश राय पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया से आते हैं। उनका पक्का विश्वास है कि पार्टी के लिए अच्छे दिन आएंगे।

हालांकि ग्यास अहमद, संतोष गौड़, प्रमोद शुक्ला, शिव शंकर और विष्णु अवतार जैसे अनेक लोग हैं, जो दूसरों के आकलन से चौकóो हैं। ये सभी ड्राइवर हैं और कांग्रेस में नकदी के संकट के कारण कुछ महीने पहले सेवा से निकाले गए हैं।

पार्टी के एक पूर्व कर्मचारी ने कहा, “हम उनसे मिलेंगे और शायद वह हमारी मदद करेंगी।”

पुराने अखबारों की कतरनों से भरे धुंधले प्रकाश वाले कमरे में दाढ़ी वाले 33 वर्षीय अरमान अहमद हालांकि प्रियंका के राजनीति में पदार्पण के बाद उत्साह से चौकस हैं। वह पिछले तीन साल से सेवा दल के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं सेकुलर विचारधारा के कारण कांग्रेस से जुड़ा हुआ हूं, लेकिन मुझे बताइए कि अगर संगठन में ही जंग लगी हुई है तो फिर परिवर्तन कैसे आएगा।”

पेशे से होम्योपैथ और दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के प्रशंसक अहमद ने बताया कि तीन साल पहले उन्होंने किस प्रकार अपने वार्ड नया हैदरगंज में 50 लोगों को पार्टी में शामिल होने के लिए मनाया। उन्होंने कहा, “हमें अधिक स्पष्टता दिखाने की जरूरत है।”

प्रियंका के आने से पहले पार्टी दफ्तर को भी संवारा जा रहा है। उनके आगमन की तिथियों पर भी विचार किया जा रहा है।

आस-पास बनी ऊंची इमारतों के बीच छिपे कांग्रेस मुख्यालय की सफेदी करवाई गई है। पुराने मीडिया-संवाद भवन को तोड़कर एक नया और बड़ा भवन तैयार किया जा रहा है, जिसमें नई टाइल्स, खिड़कियां और नए एयरकंडीशनर लगाए जा रहे हैं।

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परिसर में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) का दफ्तर हालांकि उपेक्षित पड़ा हुआ है। पार्टी के एक कार्यकर्ता ने बताया कि इंदिरा गांधी की अर्धप्रतिमा के बगल में स्थित कार्यालय के दरवाजे में लगे ताले में जंग लग गई है, क्योंकि यह द्वार विरले ही खुलता है।

यूपीसीसी के प्रवक्ता वीरेंद्र मदन ने पार्टी दफ्तर के रंग-रोगन के बारे में कहा, “यह काम कुछ महीनों से चल रहा है, क्योंकि हम लोकसभा चुनाव की चुनौतियों के लिए जंग की तैयारी कर रहे हैं।”

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