आर्थिक मंदी हालात से गुजर रहा पाकिस्तान, शेयर बाजार की भी बत्ती गुल…

लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्‍तान में अब मंदी जैसे हालात बन गए हैं. बीते हफ्ते पाकिस्‍तान के शेयर बाजार में 2.4 फीसदी से अधिक की गिरावट रही तो वहीं रुपये में भी ऐतिहासिक फिसलन देखने को मिली हैं।  जहां बीते शुक्रवार को पाकिस्तान शेयर बाजार के बेंचमार्क कराची स्‍टॉक एक्‍सचेंज (KSE-100) के शेयर  805 अंक के करीब टूटकर  33 हजार 166 के स्‍तर पर बंद हुए हैं।

पाकिस्तान

बता दें की कराची स्‍टॉक एक्‍सचेंज की शुरुआत 33 हजार 971 के स्‍तर पर हुई जो कारोबार के दौरान लुढ़क कर 33 हजार के स्‍तर पर पहुंच गई. इस गिरावट में निवेशकों के 1000 करोड़ पाकिस्तानी रुपये डूब गए हैं।

रजत पदक विजेता दुती चंद ने खुलकर सामने रखी ये बात, बोलीं- सुप्रीम कोर्ट ने भरोसा दिया वरना…

जहां कुछ ऐसा ही हाल पाकिस्‍तानी रुपये का रहा हैं।  पाकिस्तान की मुद्रा रुपया, डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया।  एक्सचेंज कंपनीज एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक बीते हफ्ते में एक डॉलर का मूल्य 151 पाकिस्तानी रुपये के बराबर हो गया ।  जबकि एक डॉलर के मुकाबले मौटे तौर पर अफगानिस्तान की मुद्रा का मूल्य 80, भारतीय रुपये का मूल्य 70, बांग्लादेशी टके का 84, नेपाली रुपये का 112 के आसपास है।

 

खबरों के मुताबिक यह पहली बार है जब पाकिस्‍तानी रुपया भारतीय रुपये के मुकाबले आधी कीमत पर आ गया है. बता दें कि पाकिस्तानी रुपये का भाव पिछले एक साल में 20 फीसदी से ज्यादा घट चुका है और यह डॉलर के मुकाबले एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गई है। लेकिन पाकिस्‍तानी बाजार के जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में रुपया और टूट सकता है।  जहां आने  वाले दिनों में शेयर बाजार और रुपया में गिरावट का सिलसिला जारी रहने की आशंका है।

जहां पाकिस्तान सरकार की पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के साथ 6 अरब डॉलर के राहत पैकेज पर शुरुआती सहमति बनी है. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने राहत पैकेज के लिए आईएमएफ की कौन-कौन सी शर्तें मानी, इसकी अटकलें की वजह से निवेशकों में एक डर का माहौल बना हुआ है।

 

जहां इसके साथ ही निवेशकों में पाकिस्‍तान की अर्थव्यवस्था को लेकर भी चिंता बढ़ती जा रही है. पाकिस्तानी सरकार ने गिरते रुपये को थामने के लिए एक समिति गठित की है। लेकिन हालात ये हैं कि पाकिस्तानी रुपये के अवमूल्यन को रोकने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश से बाहर जाने वाले व्यक्ति पर अमेरिकी डॉलर ले जाने पर पाबंदी लगा दी है।

अब पाकिस्तान से बाहर जाने वाला शख्स अपने साथ सिर्फ 3000 अमेरिकी डॉलर ले जा सकता है। पहले ये सीमा 10,000 अमेरिकी डॉलर थी. बता दें कि आईएमएफ 1980 से अब तक पाकिस्तान को 12 बार राहत पैकेज दे चुका है। जहां इस बीच, 10 मई को समाप्त हुए सप्ताह में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 13.80 अरब करोड़ डॉलर घटकर 8.846 अरब डॉलर पर आ गया है। लेकिन इस रकम से पाकिस्तान 3 महीने से भी कम की जरूरी सामग्री आयात कर सकता है।

दरअसल पहले से ही महंगाई से जूझ रहे पाकिस्‍तान के लिए गिरते रुपये की वजह से संकट बढ़ सकता है। जहां इस वजह से कच्चे तेल के लिए आयात पर निर्भर पाकिस्‍तान पेट्रोल और भी महंगा हो सकता है।  पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से पाकिस्तान में महंगाई भी बढ़ने की आशंका है। इसके अलावा इनडायरेक्‍ट टैक्‍स में बढ़ोतरी भी आम लोगों के लिए नई मुसीबत है।

 

LIVE TV