सुबह 11.45 पर आरबीआई बताएगा कितनी होगी EMI, जानें कितना घटा रेपो रेट

2019 में अभी तक 1.35 फीसद रेपो रेट कम किया जा चुका है। इस साल रेपों रेट में 4.5 की गिरावट आई है। यह गिरावट छठी बार हुई है। साथ ही दूसरी तिमाही में आरबीआई की तरफ से यह आंकड़े जारी किए गए।

अगर ऐसा होता है तो रेपो रेट 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच जाएगा। फिलहाल यह 5.15 फीसदी है। 25 आधार अंकों की कटौती के बाद यह 4.9 फीसदी पर आ जाएगा, जो मार्च, 2010 के बाद रेपो रेट का सबसे निचला स्तर होगा।

अर्थशास्त्रियों की मानें तो 2020 की दूसरी तिमाही में भी रेपो रेट में 15 आधार अंकों की कटौती की जा सकती है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार से चल रही है। बैठक में हुए फैसलों की जानकारी बृहस्पतिवार को आरबीआई की वेबवाइट पर सुबह 11.45 बजे जारी कर दी जाएगी।

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इतनी हो सकती है कटौती

बढ़ती खुदरा महंगाई के दबाव के बीच रिजर्व बैंक का पूरा जोर विकास दर को रफ्तार देने पर है। आरबीआई इसके लिए चालू वित्त वर्ष में रेपो रेट में 0.40 फीसदी कटौती और कर सकता है। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म बोफाएमएल ने एक रिपोर्ट में कहा कि एमपीसी की अगली बैठक में रेपो रेट में कटौती हो सकती है।

अक्तूबर में खुदरा महंगाई दर 4.62 फीसदी पहुंचने के बाद से ही आरबीआई की मौद्रिक नीति को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) ने अनुमान जताया है कि गिरती अर्थव्यवस्था को थामने के लिए आरबीआई कर्ज की दरों को और तर्कसंगत बनाएगा और फरवरी तक रेपो रेट में कटौती कर चार फीसदी पर ला सकता है।

रेपो रेट निर्धारित करते समय आरबीआई खुदरा महंगाई आंकड़ों पर ध्यान देता है। दरअसल, जून तिमाही में विकास दर छह साल के निचले स्तर पर लुढ़ककर 5 फीसदी पहुंच गई थी और विश्लेषक अंदाजा लगा रहे हैं कि सितंबर तिमाही में यह 5 फीसदी से भी नीचे जा सकती है।

आज का पंचांग, 05 दिसंबर 2019, दिन- गुरुवार

ऐसे में अर्थव्यवस्था की सुस्ती तोड़ने के लिए आरबीआई दिसंबर में 0.25 फीसदी और फरवरी में 0.15 फीसदी की कटौती रेपो रेट में कर सकता है। कोटक महिंद्रा बैंक ने भी अनुमान जताया है कि विकास दर में सुस्ती के मद्देनजर आरबीआई इस साल रेपो रेट में 0.50 फीसदी कटौती कर सकता है।

 

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