आरक्षण कोटा 50 फीसदी बढ़ाने की व्यवस्था कर रहे मुख्यमंत्री उद्दव ठाकरे

मराठा आरक्षण में कानूनी पेच फंसने के बाद महाराष्ट्र सरकार चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आरक्षण कोटा 50 फीसदी से अधिक बढ़ाया जाए। जिससे इसका लाभ अन्य राज्यों के लोगों को भी मिल सके। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस संबंध में जल्द अन्य मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख सकते हैं।

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण गंभीर मुद्दा है। सुप्रीम कोर्ट में 25 जनवरी से इस पर सुनवाई शुरू होनी है। जब तक आरक्षण का कोटा नहीं बढ़ेगा तब तक मराठा आरक्षण लागू नहीं होगा।

मराठा आरक्षण संबंधी राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति के अध्यक्ष व लोकनिर्माण मंत्री चव्हाण ने कहा कि 1993 के इंदिरा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय पीठ ने सुनवाई की थी। तब शीर्ष अदालत ने जाति आधारित आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसदी तय की थी। लेकिन अब इसमें बदलाव की जरूरत है। मौजूदा समय में तमिलनाडु सहित 25 राज्यों में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण दिया जा रहा है।

महाराष्ट्र में भी देवेंद्र फडणवीस सरकार ने 2018 में सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए (एसईबीसी) के तहत मराठा समाज को शिक्षा व सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित किया था। इसे हाईकोर्ट ने वैध ठहराया है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है।

पीएम से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
मराठा आरक्षण को लेकर अशोक चव्हाण और अन्य मंत्री मंगलवार को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मिलने पहुंचे। पवार को वरिष्ठ वकीलों ने राय दी है कि अगर केंद्र सरकार सकारात्मक पहल करे तो एसईबीसी के तहत न सिर्फ मराठा समाज को आरक्षण का लाभ मिल सकता है बल्कि अन्य राज्यों में भी आरक्षण का कोटा बढ़ सकता है। इस मुद्दे पर बातचीत के लिए पवार के नेतृत्व में जल्द महाराष्ट्र के सांसद पीएम मोदी से मिलेंगे।

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