बनवाना हो फर्जी आधार कार्ड तो 10 हजार में खरीदें अंगूठा!

आधारलखनऊ। भ्रष्टाचार और कालेधन को बड़ा मुद्दा बनाकर सत्ता में आई केंद्र की बीजेपी सरकार के लिए इन मसलों पर कई बड़े फैसले लिए। आधार को बड़ा हथियार बनाते हुए मोदी सरकार ने लड़ाई छेड़ी। लेकिन इतनी मेहनत के बाद भी कई जगह फर्जीवाड़े की खबरें आईं। एक बार फिर ऐसी ही मामला सामने आया है अलीगढ़ से। यहां तो फर्जीवाडे के लिए अंगूठा ही बिक रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीम एप लॉन्च करते हुए कहा था, “आपका अंगूठा ही आपका बैंक होगा। यह अनपढ़ होने की नहीं, ताकतवर होने की निशानी होगी”। तब, किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि कोई इसका भी तोड़ निकाल लेगा।

सरकार से ब्लैकलिस्ट हो चुके यहां के कुछ शातिरों ने जनसुविधा केंद्रों के संचालकों से सांठगांठ कर उनके अंगूठे की मुहर बनवा ली और बेधड़क आधार कार्ड बनाने में जुट गए।

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केंद्र संचालकों को इस अंगूठे की 10 हजार रुपए प्रतिमाह कीमत भी चुकाई जा रही है। ये किसी का भी कार्ड बना सकते हैं, भले ही वो देश का दुश्मन ही क्यों न हो। जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

15 जुलाई से प्रतिबंध केंद्र सरकार ने यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) को आधार कार्ड के लिए अधिकृत किया है। यूआईडीएआई ने कार्ड बनाने का जिम्मा निजी कंपनियों को सौंपा तो कंपनियों ने फे्रंचाइजी बांट दी। सरकार ने जनसुविधा केंद्र (सीएससी) भी खुलवाए, ताकि आसानी से आधार कार्ड बन सकें।

15 जुलाई को सरकार ने निजी कंपनियों से काम छीन लिया। अब सिर्फ सीएससी पर ही आधार कार्ड बन सकते हैं। काम छिनने से पुराने एजेंसी संचालक खाली हो गए।

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इन्हीं में से कुछ शातिरों ने अधिकृत केंद्र संचालकों से साठगांठ की और फिंगर प्रिंट लेकर अंगूठे की मुहर बनाने की युक्ति निकाल ली। यह दांव कामयाब रहा।

हालांकि, यह पूरी तरह गैरकानूनी है लेकिन कुछ कॉमन सर्विस सेंटर संचालक देश की सुरक्षा से खतरनाक खिलवाड़ कर रहे हैं। अंगूठे पर निर्भर सॉफ्टवेयर सीएचसी संचालक फिंगर प्रिंट मैच होने पर ही आधार कार्ड का सॉफ्टवेयर खुलता है।

पुराने फ्रेंचाइजी के पास आधार बनाने के लिए जरूरी फिंगर स्कैनर, लैपटॉप, आधार कैमरा, प्रिंटर, जीपीएस डिवाइस, टेबलेट, यूसीएल मशीन हैं ही। बस इसी का दुरुपयोग हो रहा है।

साभार : नई दुुनिया

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