आतंकी सगठनों को फंडिंग रोकने में नाकाम पाकिस्तान, FATF ने किया ब्लैकलिस्ट
पाकिस्तान ने भले ही आतंकी गतिविधियों और फंडिंग को रोकने की कोशिश की हो लेकिन हमेशा नाकाम रहा है. सभी देशों ने पाक की इस नाकामी पर ऐतराज किया है. इसको देखते हुए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है. इसके लिए एक कमेटी गठित की गयी है जिसका ‘नेशनल फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स कोआर्डिनेशन कमेटी’ रखा गया है.
इस कमेटी में 12 सदस्य हैं जो फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की 27-सूत्रीय कार्ययोजना के निष्पादन को सुनिश्चित करने पर काम करेंगे। एफएटीएफ ने पाया था कि पाकिस्तान धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) और आतंकवाद के वित्त पोषण संबंधी 40 अनुपालन मानकों में से 32 का पालन नहीं कर रहा था।
द डॉन अखबार के मुताबिक, आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर के नेतृत्व में नेशनल फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स कोआर्डिनेशन कमेटी में वित्त, विदेशी मामलों और आंतरिक मामलों के संघीय सचिवों के अलावा सभी संस्थानों के प्रमुखों और मनी लांड्रिंग और टेरर फंडिग से जुड़े नियामकों को शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि, यह समिति एफएटीएफ पर पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे कार्यों को गति देगी और 21 दिसंबर तक एफएटीएफ से संबंधित सभी कार्यों का निष्पादन सुनिश्चित करेगी।
पाकिस्तान को अब अक्टूबर में एफएटीएफ के ब्लैकलिस्ट से बचने के लिए ध्यान केंद्रित करना होगा, जब एफएटीएफ की 27-सूत्रीय कार्ययोजना पर 15 महीने की समयावधि समाप्त हो जाएगी।
महिलाओं को लेकर सरकार ने लिया एक बड़ा फैसला, अब सिर्फ 1 रूपये में मिलेगी ये जरुरी चीज
बता दें कि, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेआईएम) सहित आतंकी समूहों के प्रति अपनी जटिलता के लिए पाकिस्तान एफएटीएफ रडार के अधीन रहा है। पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाला गया था। अक्टूबर 2018 और फरवरी 2019 में हुए रिव्यू में भी पाक को राहत नहीं मिली थी।
पाक एफएटीएफ की सिफारिशों पर काम करने में विफल रहा। ‘ग्रे लिस्ट’ में अगर पाकिस्तान लगातार बना रहता है तो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी), यूरोपीय संघ में उसकी साख में कमी आएगी। साथ ही मूडीज, एसएंडपी और फिच द्वारा रेटिंग में भी कमी होगी। जो पाकिस्तान की वित्तीय समस्याओं में इजाफा करेगा।