
पूर्व मंत्री नवेद मियां ने कहा है कि आजम खां की जान को खतरा नहीं है, बल्कि आजम से लोकतंत्र को खतरा है। उन्होंने कहा कि आजम खां जिला प्रशासन पर दबाव बनाने की रणनीति पर अमल कर रहे हैं। अपनी संभावित हार को देखकर आजम खां बौखला गए हैं। उन्होंने कहा कि जब आजम खां जुल्म कर रहे थे तो डॉ. तजीन फात्मा क्यों खामोश रहीं।
नवेद मियां ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह लोकतंत्र के रक्षक, ईमानदार, निष्पक्ष और जनप्रिय अधिकारी हैं। प्रशासन ने चुनाव में धांधली, गुंडागर्दी और बूथ कैप्चरिंग नहीं होने दी, जिसकी वजह से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आजम खां बौखलाए हुए हैं।
चाचा नेहरू अस्पताल में लगी आग, कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू
उन्होंने कहा है कि सपा की सरकारों में प्रधानी से लेकर सांसद तक के चुनावों में धांधली कर लोकतंत्र का गला घोंटा जाता रहा है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं कर पाने और अपनी संभावित हार से आजम खां के मानसिक संतुलन पर असर दिखाई दे रहा है।
नवेद मियां ने कहा है कि डॉ. फात्मा ने रामपुर की बेरोजगारी और बदहाली पर कभी एक शब्द तक नहीं बोला। उन्होंने कहा है कि आजम की जान को किसी से कोई खतरा नहीं है। बल्कि आजम से रामपुर की खुशहाली, भाईचारे, अमन और लोकतंत्र को खतरा है। लोकसभा चुनाव के परिणाम से आजम का पतन शुरू होना तय है।