आगरा के लोगों ने पेश की सर्वधर्म समभाव की मिशाल, रमजान में करते हैं सभी प्रबंध

REPORT- BRIJ BHUSHAN, AGRA,

आगरा में प्रेम, सद्भाव और आपसी भाईचारा यह एकसाथ देखने को मिलता है। रमजान का पाक महीना शुरू हो गया है। इस दौरान आगरा में हिन्दू और सिख समाज के साथ-साथ ईसाई समाज के लोग मुस्लिम समाज के लोगों के लिए वजू, नमाज के लिए प्रबन्ध करते हैं। इसके बाद यहां नमाज अता की जाती है।

रमजान का प्रबंध

प्रेम और सद्भाव के शहर आगरा में सर्वधर्म सद्भाव की तमाम मिसालें हर गली और मोहल्ले में मौजूद हैं। आज हम आपको रमजान के पाक महीने में हम आपको एक ऐसी ही मिसाल से अवगत करा रहे हैं जो अपने आप में सर्वधर्म सद्भाव की खूबसूरत मिसाल है।

यह मिसाल है गुड़ की मंडी स्थित इमली वाली मस्जिद में हर रमजान होने वाली तरावीह में देखने को मिलती है। नमाज पढ़ने के लिए दुकानदार खुद दुकानें समय से पहले बंद करते हैं। हिन्दू दुकानदार मुस्लिम भाइयों को नमाज पढ़ने के लिए दरी बिछाते हैं। मस्जिद के मुतवल्ली इसे गंगा जमुनी तहजीब का उदाहरण मानते हैं।

इमली वाली मस्जिद का इतिहास आजादी के समय का है। यह हिन्दू बाहुल्य क्षेत्र में है और आस-पास काफी बड़ी बाजार है। रमजान के महीने में आगरा में गंगा-जमुनी तहजीब दिखती है। हर साल यहां तरावीह की नमाज कुछ अलग होती है।

यहां सबसे जल्दी कुरान शरीफ पढ़ा दिया जाता है। इस कारण यहां अकीदतमंदों की जबरदस्त भीड़ होती है। इतनी भीड़ को एक साथ नमाज पढ़वाने के लिए मस्जिद छोटी पड़ती है तो यहां के दुकानदार जो कि हिन्दू और सिख समाज से तालल्लुक रखते हैं, खुद समय से पहले अपनी दुकानें बंद कर देते हैं।

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हिन्दू समाज के लोग सड़क की साफ-सफाई करवाकर वहां दरी बिछाते हैं। नमाज के लिए आने वाले मुस्लिम भाईओं को वजू करने के लिए वहां स्थित सेंट जोन्स चर्च के प्रांगड़ में ईसाई समाज जगह देता है। वजू के लिए पानी की व्यवस्था भी ईसाई समाज करता है। इस तरह सर्वधर्म सद्भाव और आपसी भाईचारे की मिसाल देने वाली तरावीह की नमाज यहां होती है।

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